यात्री नहीं रहेंगे प्यासे, रेलवे के साथ आए संगठन
Passengers will not remain thirsty, organizations with railways

यात्री नहीं रहेंगे प्यासे, रेलवे के साथ आए संगठन

मटके वहां पर रखे जा रहे हैं जहां जनरल बोगी होती हैं

रोटरी क्लब ने की शुरुआत 

इटारसी। इस गर्मी में यात्रियों को इटारसी रेलवे स्टेशन (Itarsi Railway Station) पर तो पानी के लिए बिलकुल परेशान नहीं होना पड़ेगा। रेलवे के अलावा नगर के कुछ सामाजिक और समाजसेवी संगठनों ने जो व्यवस्था की है, उसे देखकर तो यह बात दावे से कही जा सकती है। यदि सबकुछ इसी तरह से चला तो प्रदेश के इस महत्वपूर्ण रेल जंक्शन पर यात्रियों को पेयजल के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। आज रोटरी क्लब ने प्लेटफार्म 6-7 पर मटके रखे हैं तो रविवार को सिंधी समाज भी हर प्लेटफार्म पर मटके रखेगा। ये सभी मटके उन स्थानों पर रखे जा रहे हैं, जहां जनरल बोगियां आती हैं।

water in railway station 1
दरअसल, इटारसी सहित भोपाल मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों पर सामाजिक और समाजसेवी संगठनों के माध्यम से जलसेवा प्रारंभ की गई है। इटारसी में चूंकि रेल का ट्रैफिक अधिक है, तो यहां पानी की मांग भी अधिक है। ऐसे में यहां पेयजल की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती का काम है, जिसे स्टेशन प्रबंधन बखूबी पूर्ण कर रहा है। यहां के सभी सात प्लेटफार्म पर पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। इसके साथ ही आज से रोटरी क्लब ने प्लेटफार्म 6-7 पर बड़े मटके रख दिये हैं जिनसे ठंडा जल यात्रियों को मिल सकेगा। स्टेशन प्रबंधन इन मटकों को भरवा रहा है। रविवार को यहां पूज्य पंचायत सिंधी समाज (Pujya Panchayat Sindhi Samaj) ने भी हर प्लेटफार्म पर मटके रखने के लिए प्रबंधन को आश्वस्त किया है।

ये हैं रेलवे के इंतजाम

इटारसी रेलवे स्टेशन (Itarsi Railway Station) पर 7 प्लेटफार्म हैं। इन सभी प्लेटफार्म पर कुल 25 वाटर कूलर रखे हुए हैं। इनके अलावा करीब 15 वाटर वेंडिंग मशीनें हैं। प्लेटफार्म 1 पर नलों की संख्या वाटर कूलर सहित 107 है। इसी तरह से प्लेटफार्म 2-3 पर 94, प्लेटफार्म 4-5 पर 82 और 6-7 पर 115 है।

इतने यात्रियों को लाभ

इटारसी मप्र का प्रमुख रेल जंक्शन (Rail Junction Itarsi) है और यहां से वर्तमान में 24 घंटे में 150 यात्री ट्रेनें गुजर रही हैं। इन ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के अलावा यहां से सफर प्रारंभ करने और सफर खत्म करने वाले यात्रियों की अनुमानित संख्या प्रतिदिन 18-20 हजार है। इनके लिए पेयजल व्यवस्था पर्याप्त है।

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