नामांतरण कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करने के एवज में रिश्वत लेने पर पटवारी को 04 वर्ष की सजा

Post by: Rohit Nage

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Double life imprisonment to the accused of murder of milk dairy operator

इटारसी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नर्मदापुरम ने आरोपी जितेंद्र ठाकुर को धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा-13(1)(बी) सहपठित धारा 13(2) भ्र.नि.अधि. में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 2000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया। जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि प्रकरण में फरियादी अशोक पटेल ने लोकायुक्त कार्यालय भोपाल में इस बात की शिकायत की गई थी कि ग्राम खैरा में उसके पिता द्वारा खरीदी जमीन एवं बंटवारे में प्राप्त जमीन का नामांतरण कम्प्यूटर रिकार्ड में दर्ज करने के संबंध में पटवारी जितेन्द्र ठाकुर तहसील पिपरिया के द्वारा नामांतरण को कम्प्यूटर में दर्ज कराने के नाम से पांच हजार रुपए की मांग की जा रही है, जिसकी जांच सत्यापन पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त संभाग भोपाल के निर्देश पर निरीक्षक नीमल पटवा ने कराया गया।

जांच में पाया कि पटवारी जितेन्द्र ठाकुर फरियादी अशोक पटेल और उसके मित्र मनोज पटेल की जमीन के संबंध में काम के लिये पांच हजार रुपए की मांग की गई जिसेे फरियादी द्वारा दिये गये डीव्हीआर में रिकार्ड किया था, जिसके आधार पर आरोपी जितेन्द्र ठाकुर के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आगे की कार्यवाही की गई। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त द्वारा टे्रप दल गठित किया जिसमें निरीक्षक उमा कुशवाहा, निरीक्षक संजय शुक्ला, निरीक्षक सलील शर्मा आरक्षक बृजबिहारी पांडे, मुकेश पटेल शामिल थे। टे्रप कार्यवाही लोकायुक्त निरीक्षक नीलम पटवा के नेतृत्व में हुई। टे्रप कार्यवाही 06 सितंबर 2018 को हुई जिसमें फरियादी अशोक पटेल से पटवारी ने उसके घर पर पैसे लेते हुये रंगे हाथों पकड़ा। प्रकरण में अग्रिम विवेचना संजय जैन उप पुलिस अधीक्षक ने की है।

विवेचना उपरांत आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-13 (2) सहपठित धारा 13 (1)(बी) का अभियोग पत्र विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया। विचारण के दौरान अभियोजन के द्वारा 17 अभियोजन साक्षियों के परीक्षण कराये गये अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क पर विचार करते हुए विशेष न्यायालय ने आरोपी को रिश्वत मांगने एवं लेने के आरोप में दोषी पाते हुए 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार यादव, जिला नर्मदापुरम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

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