
पौष महीने की अमावस्या 2 जनवरी को, पितरों के लिए खास है ये दिन
अमावस्या पर रहेगा साल का पहला सर्वार्थसिद्धि योग
इटारसी। आज से नए साल की शुरूआत हो गई है। दो जनवरी में साल का पहला पर्व पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार पौष महीने की अमावस्या 2 जनवरी को रहेगी। हिंदू पंचांग में पितरों को समर्पित सभी दिनों में पौष महीने की अमावस्या का खास महत्व होता है। क्योंकि पौष का पूरा महीना ही पितरों को समर्पित होता है। इसे छोटा पितृ पक्ष भी कहा जा सकता है। माना जाता है कि इस महीने में पितरों के लिए पिंडदान करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और वे वैकुंठ की ओर प्रस्थान करते हैं।
पितरों की प्रसन्नता के लिए यह काम
1. अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान के साथ ही भगवान कृष्ण की पूजा करें और गीता का पाठ करें।
2. सूर्य देव को अघ्र्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें। तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अघ्र्य दें।
3. पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
4. पीपल के वृक्ष में जल दें और दीपक लगाएं।
शुभ मुहूर्त
पौष अमावस्या शुरू 2 जनवरी सुबह 3.43 पर
पौष अमावस्या खत्म 3 जनवरी सुबह 5.26 पर
तिथि का महत्व
अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान, पूजा, जाप और तप की विशेष परंपरा है। अमावस्या के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, साथ ही पितरों के निमित्त दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं। इस तिथि को पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए शुभ माना गया है। अत: अमावस्या के दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों और सरोवर में स्नान कर तिल तर्पण भी करते हैं।