इटारसी। जब चंद्रमा उदित हुआ तो बादलों की ओट में था। लुका छिपी के बीच शाम 8 बजकर 44 मिनट पर चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया वाले भाग में आने लगा जो कि सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने से बन रही थी।
चंद्रमा के इस भाग में आने से इसकी चमक में आंशिक कमी आ गई। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक ने यह जानकारी देते हुये बताया कि इसे खगोल विज्ञान में उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं। सारिका ने बताया कि ग्रहण के दौरान चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 3 लाख 80 हजार किमी से कुछ अधिक थी।
ग्रहण का मैग्नीटयूड माईनस 0.046 था। रात 10 बजकर 52 मिनट पर यह अधिकतम स्थिति में था। 4 घंटे 18 मिनट तक उपछाया ग्रहण रहने के बाद मध्यरात्रि 1 बजकर 1 मिनट पर समाप्त हो गया। अगला चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को होगा। इस आंशिक चंद्रग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा।