होशंगाबाद। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय में हिंदी विभाग के तत्वावधान में बसंत पंचमी पर्व एवं निराला जयंती पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. ओ. एन. चौबे (Principal Dr. ON Choubey) ने कहा कि सरस्वती की साधना करके शब्दों को अर्थ प्रधान कर उन्हें सार्थक बनाने वाले कवि निराला हमारे साहित्य की सबसे अमूल्य धरोहर हैं। कार्यक्रम के संयोजक डॉ के जी मिश्र ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि निराला का साहित्य समाज के लिए सांस्कृतिक और सामरिक महत्व का है। उन्होंने महाप्राण निराला के नाम की सार्थकता व सूक्ष्म जानकारी और विश्लेषण प्रस्तुत किया। डॉ. बीसी जोशी (Dr. BC Joshi) ने छात्रों से कहा कि विद्या अर्जन करके हमें स्वरोजगार प्राप्त कर दूसरों को भी रोजगार देने योग्य बनना होगा। डॉ. विनीता अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा कि विद्या से ही यथार्थ विनय और विवेक का समन्वय स्थापित किया जा सकता है। जिसके पास बुद्धि है उसे शस्त्र की आवश्यकता नहीं। डॉ. आलोक मित्रा अपने व्याख्यान में संबोधित करते हुए बोले कि हम सौभाग्यशाली हैं कि हमे शिक्षा के मंदिर स्कूल और कॉलेज जाने का अवसर मिला अब हमारा कर्तव्य है कि समाज को हम अपनी शिक्षा और संस्कारों से मजबूत बनाएं। इस दौरान सभी शिक्षक गण कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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कवि निराला हमारे साहित्य की सबसे अमूल्य धरोहर है

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