ग्राम टांगना में चले डंडे, सीहोर को मिली जीत
इटारसी। ग्राम टांगना में दो दिन पारंपरिक आदिवासी डंडा प्रतियोगिता (Traditional Tribal Danda Competition) में हजारों लोगों ने पहुंचकर आदिवासी परंपरा के दर्शन किये। इस दौरान दहेज प्रथा, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे गंभीर विषयों पर भजन मंडलों ने लोगों को संदेश देकर जागरुक करने का प्रयास किया। प्रथम पुरस्कार महिला मंडल को सीहोर को 11000 रुपए दिये।
कार्यक्रम में आसपास के ग्रामीण अंचलों से हजारों लोग डंडा नृत्य देखने पहुंचे। आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर विगत 5 सालों से लगातार आसपास के ग्रामों तथा क्षेत्रों में बेटियों को बचाने तथा उनको स्वरोजगार की धारा में जोडऩे के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से भी लोगों को जागृत किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विधायक प्रेमशंकर वर्मा, केसला जनपद अध्यक्ष गणपत उइके, आदिवासी सेवा समिति तिलक संरक्षक सुरेंद्र कुमार धुर्वे, जगदीश ककोडिय़ा, राकेश तुमराम, अध्यक्ष बलदेव टेकाम, ग्राम पंचायत टांगना समिति से प्रशांत उइके, गरीबदास, दयाराम मर्सकोले, संतोष मोहाव, बसंत उइके, अमर सिंह सरेआम, महेश सलाम, बारेलाल भलावी और वीरेंद्र ककोडिय़ा, डिप्टी रेंजर आरएस उइके, प्रेम लाल धुर्वे तथा संचालन समिति सचिव जितेंद्र इवने, मीडिया प्रभारी विनोद वारिवा उपस्थित रहे। मंडलों को उनके गायन, वेशभूषा तथा केहन कला को देखकर पुरस्कार वितरित किए। मंथन आर्ट एंड सोसाइटी के बच्चों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। एनजीओ संचालक अजय मेहरा तथा जियालाल मर्सकोले को विधायक ने अच्छे कार्य के लिए सम्मानित किया।