डीज़ल लोको शेड में प्रेमचंद की ‘बूढ़ी काकी’ का मंचन

डीज़ल लोको शेड में प्रेमचंद की ‘बूढ़ी काकी’ का मंचन

इटारसी। डीजल लोको शेड, इटारसी (Diesel Loco Shed Itarsi) में अपर मंडल रेल प्रबंधक अशोक कुमार सिंह (Ashok Kumar Singh) की उपस्थिति में साहित्य सम्राट मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) की 141 वीं जयंती मनाई गयी। इस अवसर पर शेड की महिला कर्मचारियों के समूह ‘तापसी’ की सदस्यों ने विशेष प्रस्तुतियां दीं। मुख्य कार्यालय अधीक्षक नीलिमा रोंगे (Neelima Ronge) एवं स्नेहा जोशी (Sneha Joshi) ने कार्यक्रम का संचालन किया। शिखा अवस्थी (Shikha Awasthi), पिंगला शिवाजी (Pingla Shivaji), प्रमिला अडलक (Pramila Adlak) ने स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। आज़ादी का अमृत महोत्सव पर भोपाल (Bhopal) मंडल में आयोजित निबंध प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान हासिल करने वाली भाग्यश्री खातरकर (Bhagyashree Khatarkar) ने मुंशी प्रेमचंद की जीवनी एवं साहित्य में योगदान पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर प्रेमचंद की विख्यात कहानी बूढ़ी काकी का मंचन किया, जिसमें प्रीति शिखर (Preeti Shikhar) ने  कहानी की व्याख्या की, संकु साहू (Sanku Sahu)ने बूढ़ी काकी, मंजू पंथ (Manju Panth) ने रूपा (Roopa), भाग्यश्री खातरकर (Bhagyashree Khatarkar)ने लाडली एवं शिवानी प्रजापति (Shivani Prajapati)ने बेटे की भूमिका निभाई। प्रियंका (Priyanka) ने ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की कविता का पाठ किया और फिरदौस (Firdous)ने प्रेमचंद की विख्यात कहानी पंचपरमेश्वर का वाचन किया। राजभाषा सहायक श्रीमती दमयंती सैनी (Damayanti Saini) ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक बातें बताई। गंगा केवट (Ganga Kewat) ने मुंशी प्रेमचंद जी का स्केच बनाकर उनके योगदान को याद दिलाया।
अपर मंडल रेल प्रबन्धक ने अपने उद्बोधन में रेलवे बोर्ड की लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri)तकनीकी मौलिक लेखन पुरस्कार योजना में प्रथम स्थान हासिल करने पर शेड के वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीज़ल) अजय कुमार ताम्रकार (Ajay Kumar Tamrakar)को बधाई दी और बताया कि यह शेड की ही नहीं बल्कि भोपाल मंडल की भी उपलब्धि है। अपर मंडल रेल प्रबंधक ने शेड में महिलाओं के तापसी समूह के गठन, शेड में संचालित अन्य गतिविधियों, तथा विभिन्न प्रस्तुतियों में नए सदस्याओं को अवसर प्रदान करने की सकारात्मक सोच की सराहना की। उन्होंने जीवन में साहित्य के महत्व को बताते हुए मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं की सरल भाषा को साहित्य-जगत में प्रवेश का एक द्वार बताया। वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (डीज़ल) अजय कुमार ताम्रकार ने अपर मंडल रेल प्रबंधक का आभार प्रकट किया।

 

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AUTHORRohit

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