प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनी खेती में सहायक

इटारसी। आदिवासी ब्लॉक केसला (Tribal Block Kesla) के विस्थापित वनग्राम नया साकई के कृषक सुंदरलाल ने उन्हें मिली भूमि पर पारंपरिक तरीके से खेती करके अनाज के साथ सब्जी की फसल भी ली है। वन विभाग की पहल पर उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) ने आदिवासियों के खेतों पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Prime Minister’s Agriculture Irrigation Scheme) अंतर्गत पाइप और नोजल सेट वितरित किये और किसानों को सिंचाई संबंधी समस्या से निजात मिली है।

आदिवासी कृषक सुंदरलाला को विस्थापन के दौरान वन विभाग (Forest department) के ने 2 हैक्टेयर कृषि भूमि आवंटित की थी। इस भूमि पर सुंदरलाल दूसरे किसानों की तरह ही पारंपरिक तरीके से खेती बाड़ी का काम करते थे। बारिश (Rain) के मौसम में पानी की समस्या न होने से सुंदरलाल मक्का, धान, टमाटर व अन्य सब्जी की खेती कर अपने परिवार का जीवनव्यापन करते थे। मानसून पर निर्भरता एवं सिंचाई का अन्य कोई साधन न होने से रबी सीजन में सिंचाई के लिए सुंदरलाल को पानी की समस्या से जूझना पड़ता था। सुंदरलाल अपने खेतो में लगी फसलों से पर्याप्त उत्पादन भी नहीं ले पाते थे और हमेशा खेती के क्षेत्र में पिछड़ रहे, जिससे सुंदरलाल को अपनी जीविका चलाने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

ऐसे में वन विभाग के अधिकारियों ने उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 35 आदिवासी कृषकों के साथ सुंदरलाल को भी पाइप सेट और नोजल वितरित किये, जिनके उपयोग के बाद न केवल सुंदरलाल के खेत में फसलों पर सिंचाई की समस्या दूर हुई बल्कि खेतों में फसलों पर अच्छी सिंचाई होने परिणाम स्वरूप फसलों के उत्पादन में भी पहले की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे सुंदरलाल की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हुई।
सुंदरलाल कहते हैं कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Prime Minister’s Agriculture Irrigation Sche) का लाभ मिलने वो और साथी कृषकों की आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ हैं। अब हम सिंचाई की चिंता से बेफिक्र होकर रबी और खरीफ दोनों मौसम के दौरान अपने खेतों में फसल ले रहे हैं और अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। हम केंद्र एवं प्रदेश सरकार के प्रति आभारी हैं।

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