मित्रता में कपट उचित नहीं पंडित : पांडे

मित्रता में कपट उचित नहीं पंडित : पांडे

इटारसी। मानव जीवन में मित्रता का संबंध सभी पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों से सर्वोपरि है, अत: इस मित्र धर्म में झूठ और कपट का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।उक्त उद्गार पं. जगदीश पांडे (Pt. Jagdish Pandey) ने ग्राम घाटली दुर्गा मंदिर (Durga Mandir) प्रांगण सार्वजनिक सहयोग से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा (Shrimad Bhagwat Katha) महापुराण समारोह के समापन दिवस में व्यक्त किये। प्रवचन कर्ता पं. जगदीश पांडे ने श्री कृष्ण लीला (Shri Krishna Leela) के अनेक प्रसंगों के साथ ही सुदामा (Sudama) प्रसंग का ज्ञान पूर्ण वर्णन करते हुए कहा कि जीवन में मित्र का संबंध है, ऐसा होता है जिसमें मनुष्य अपनी प्रत्येक इच्छा और प्रत्येक विषय को उसके समक्ष आदान प्रदान कर सकता है, जबकि सगे संबंधों में मर्यादाओं के चलते हम सभी विषयों पर अपनी इच्छा जाहिर नहीं कर सकते, इसलिए हमें मित्रता और मित्र धर्म का निर्वहन बगैर किसी झूठ कपट के पूर्ण पारदर्शी स्वरूप में करना चाहिए। जो भी व्यक्ति मित्रता में कपट का करते हैं, उनका जीवन पंडित सुदामा के समान दरिद्रता के रूप में व्यतीत होता है। इसी ज्ञानपूर्ण प्रसंग पर 80 वर्षीय भजन गायक पंडित हरि नारायण दुबे (Pandit Hari Narayan Dubey) ने मधुर एवं ज्ञान पूर्ण भजन प्रस्तुत किया। ग्राम वासियों की ओर से प्रवचन कर्ता श्री पांडे एवं समस्त मित्रों का सम्मान आयोजन समिति ने किया। संचालन कर रहे हैं शिक्षक सुरेश चिमानिया (Suresh Chimania) ने कार्यक्रम की आय व्यय के साथ ही दुर्गा मंदिर के इतिहास पर भी प्रकाश डाला। आचार्य श्री पांडे की कथा शैली से प्रभावित गांव के सभी महिला पुरुषों ने व्यास मंच पर पहुंचकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर श्रीमद् भागवत जी के साथ ही देवी दुर्गा की भी महा आरती की गई। इस दौरान भंडारा में ग्राम वासियों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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AUTHORRohit

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