मन की निर्मलता भगवान की प्राप्ति का प्रथम सोपान है : आचार्य परसाई

मन की निर्मलता भगवान की प्राप्ति का प्रथम सोपान है : आचार्य परसाई

नर्मदापुरम। शिवार्चन समिति (Shivarchan Samiti) के तत्वावधान एवं आचार्य सोमेश परसाई (Acharya Somesh Parsai) के सान्निध्य में आयोजित महारुद्राभिषेक में आज आचार्य ने शिवभक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवत प्राप्ति के लिए मन की निर्मलता प्रथम सोपान है।

बिना मन की शुद्धि के भगवत्प्राप्ति संभव नहीं। आप पुराण उठा कर देख लीजिए, आप इतिहास उठाकर देख लीजिए, भगवान की प्राप्ति उसे हुई है जिसका मन शुद्ध है। इसके पश्चात आचार्य श्री ने कहा कि जब तक मन में श्रद्धा नहीं होगी, तब तक विश्वास रूपी शिव की प्राप्ति नहीं होगी।

इसलिए शुद्ध मन से श्रद्धापूर्वक भगवान का पूजन ही भगवान के द्वारा स्वीकार्य होता है। इसके पूर्व भगवान महादेव (Lord Mahadev) नाना प्रकार की औषधियों से स्नान कराया गया। भगवान का वैदिक मंत्रों से रुद्राभिषेक किया, भगवान की स्तुतियों का संगीतमय गान किया, सुंदर श्रृंगार कर भगवान की आरती की गई।

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AUTHORRohit

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