राम नाम के बिना जीवन अधूरा है: आचार्य मधुसूदन

राम नाम के बिना जीवन अधूरा है: आचार्य मधुसूदन

कलश यात्रा के साथ नाला मोहल्ला में श्रीरामकथा प्रारंभ

इटारसी। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम भारतीय हिन्दू धर्म और संस्कृति के आधार स्तंभ है। राम नाम के साथ ही जीवन के सभी संस्कार और सभी कार्य सफल होते हैं। उक्त उद्गार आचार्य मधुसुदन शास्त्री ने दादा दरबार धाम नाला मोहल्ला में आयोजित श्रीरामकथा समारोह के प्रथम दिवस में व्यक्त किये।
उपरोक्त कथा समारोह में नर्मदा जलकलश यात्रा का आयोजन किय गया। यह कलश यात्रा श्री द्वारिकाधीश बड़े से प्रारंभ होकर जयस्तंभ, रेस्टहाउस चौराहा, स्टेशन तिराहा से मालगोदाम के रास्ते अनेक मार्गों का भ्रमण करते हुए गांधीनगर बजरंगपुरा क्षेत्र में पहुंची। यहां शंकर समिति ने कलश यात्रा का स्वागत किया। यहां से जगह-जगह यात्रा पर पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुजनों ने श्रीराम कथा में अपने आपको समर्पित किया। करीब तीन घंटे का सफर तय कर यह श्रीराम शोभा यात्रा कार्यक्रम स्थल पहुंची।
यहां दादा दरबार धाम हनुमान मंदिर प्रांगण में सभी 101 जलकलश की स्थापना की गई। तत्पश्चात कथा यजवान सुनील पटेल एवं राजेश चौरे ने सपत्नीक श्रीराम चरित मानस कथा पुराण की पूजा कर प्रवचनकर्ता आचार्य मधुसुदन शास्त्री का समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से स्वागत किया। स्वागत संचालन आयोजन समिति के प्रवक्ता गिरीश पटेल ने किया। कार्यक्रम संयोजक राजू चौरे ने बताया कि यह धार्मिक आयोजन मेहरागांव नाला मोहल्ला के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है।

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