खरगोश के शिकारियों को 3-3 वर्ष की सजा एवं 50 हजार रुपए जुर्माना

Post by: Rohit Nage

10 years rigorous imprisonment to the person who shot with the intention of murder and 5-5 years rigorous imprisonment to his accomplices

इटारसी/नर्मदापुरम। न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Court Chief Judicial Magistrate) श्रीमती रितु वर्मा कटारिया नर्मदापुरम (Narmadapuram) की अदालत ने खरगोश के शिकार के करीब 11 वर्ष पुराने मामले में आरोपियों को तीन-तीन वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए जुर्मान लगाया है।
जिला अभियोजन अधिकारी आरके खांडेगर (District Prosecution Officer RK Khandegar)  ने बताया कि 05 जून 2011 को आरोपियों ने सतपुड़ा टाईगर रिजर्व होशंगाबाद (Satpura Tiger Reserve Hoshangabad) के पचमढ़ी अभयारण (Pachmarhi Sanctuary) के कक्ष क्रमांक 431 के कोर क्षेत्र में एक राय होकर बिना अनुमति के प्रवेश किया। एक राय होकर झाडिय़ों में वन्य प्राणी खरहा का अवैध शिकार किया। गश्तीदल के द्वारा रश्मि वान बीटगार्ड ने घेराबंदी कर आरोपीगणों को पकड़ा। आरोपीगण के पास से 3 मृत खराह (खरगोश), एक नग नायलोन (Nylon net) का जाल, हंसिया, प्लास्टिक का थैला (Plastic bag) जब्त हुआ था। आरोपी शंकर एवं गणेश के विरूद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत धारा- 27/51, 31/51, 9/51, 39/51 के तहत आरोपियों के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने पर न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती रितु वर्मा कटारिया नर्मदापुरम ने आज आरोपियों का विचारण कर न्यायालय के समक्ष आए तथ्यों से आरोप प्रमाणित किया। न्यायालय ने आरोपी शंकर एवं गणेश को 3-3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5-50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास पृथक से भुगताया जाएगा। जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर, नर्मदापुरम के मार्गदर्शन में शासन की ओर से पैरवी अरूण पठारिया, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नर्मदापुरम ने की।

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