इटारसी। गंदगी, बीमारी की जड़ है। इसलिए सफाई व्यवस्था के लिए नगर पालिका तो जिम्मेदार है ही, वे विभाग भी उतने ही जिम्मेदार हैं, जिनके यहां बड़ी मात्रा में कचरा निकलता है। इटारसी में ऐसा रेलवे में होता है, जहां से बड़ी मात्रा में कचरा शहर की फिजां में जहर घोलता है। सफाई ठेकेदार की मनमानी पर रेल अधिकारी अंकुश नहीं लगा पाते हैं और कई एकड़ जमीन होने के बावजूद रेलवे अपना डंपिंग स्थल तय नहीं कर पायी है और ना ही कचरे के निष्पादन के लिए कोई प्लांट लगाने की कोई योजना है। ऐसे में सबकुछ नगर पालिका के जिम्मे छोड़कर विभाग इत्मिनान से बैठा है और कचरे से नगर के लोग प्रभावित हो रहे हैं।
रेलवे जंक्शन से हर दिन निकलने वाला डिस्पोजल कचरा और मलबा नालियों के रास्ते शहर में गंदगी को बढ़ावा दे रहा है। रोज 12 बंगला बेस किचन के पास रेलवे क्षेत्र का कचरा यहां खुले मैदान में डंप किया जा रहा है। इस अघोषित डंप एरिया में फेंकी गई पॉलीथिन तेज हवा चलने पर शहर की नालियों में जमा हो जाती है। बाकी मलबा नालों के रास्ते ड्रेनेज को जाम कर देता है। आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती रितु मेहरा ने इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया और इस समस्या को गंभीर मानते हुए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगायी है ताकि यह पता चल सके कि आखिर यहां कचरा कौन डंप करता और ट्रैक किनारे कचरा कौन फैंकता है। सीएमओ श्रीमती मेहरा ने बताया कि मौके पर कुछ युवक मिले थे, पूछने पर उन्होंने कहा कि वे खाने का ऑर्डर लेते हैं, कचरा आदि उनके द्वारा नहीं किया जाता है।
शहर में प्रदूषण का कारण

जंक्शन से निकलने वाले मलबे में मिनरल वॉटर, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें, पार्सल खाने की थालियां, डिस्पोजल ग्लास, प्लेट एवं अमानक स्तर का वेस्ट मटेरियल जो बारह बंगला क्षेत्र और नाला मोहल्ला में ट्रैक किनारे फेंका जाता है। इसके अलावा खानपान स्टॉलों का कचरा एवं जूठन भी यहीं डंप की जाती है। यहां नाले के पानी में मिलकर यही मलबा शहर में पहुंचता है, इससे जहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, वहीं नालियों का ड्रेनेज सिस्टम भी खराब होता है। यहां आवारा मवेशी खाने के लालच में पॉलीथिन का सेवन कर लेते हैं, जिससे पशुधन भी बीमारियों की चपेट में आ रहा है।
कंपनी नहीं करती नियम पालन
रेलवे के नियमानुसार जंक्शन पर सफाई का ठेका लेने वाली कंपनियों को यहां से निकलने वाले कचरे का उचित निपटान कर इसे रिसाइकल करने की प्रकिया पूरी करना चाहिए। अनुबंध में इस बात का जिक्र रहता है लेकिन कंपनी मलबे को ट्रालियों में भरकर बेस किचन के पीछे खाली पड़े मैदान में डंप करा देती हैं। नाला मोहल्ला में ट्रैक किनारे का कचरा सड़कों और ट्रैक के किनारे रहवासी इलाकों में फैलकर गंदगी फैलाता है।
रहवासी होते हैं परेशान

बारह बंगला बंद हो चुके बेस किचन के पास कचरा फेंकने की वजह से नरेन्द्र नगर, व्यंकटेश नगर, बारह बंगला रेलवे कॉलोनी में रहने वाले लोगों को घुटन भरे माहौल में रहना पड़ता है। बता दें कि कुछ साल पहले भाजपा के कार्यकर्ता दिनेश श्रीवास ने इस मामले में पब्लिक न्यूसेंस के तहत स्टेशन प्रबंधक के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में परिवाद दाखिल किया था, इसमें रेलवे को नोटिस भी जारी हुए थे, इसके बावजूद यहां रेलवे ने कचरा डंप करना बंद नहीं किया है।
नपाकर्मी की लगायी ड्यूटी
मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्रीमती रितु मेहरा ने यहां निरीक्षण के बाद एक कर्मचारी की ड्यूटी लगायी है ताकि यह पता चले कि आखिर यहां कचरा कौन डालता है। पता चलने के बाद ही आगे नोटिस देने और कार्रवाई की जा सकती है। सीएमओ ने बताया कि आज निरीक्षण किया है और देखा कि बड़ी मात्रा में कचरा यहां ट्रैक किनारे से सड़क और आसपास के रहवासी इलाके में हवा के माध्यम से पहुंचकर गंदगी फैलाता है।
इनका कहना है…
रेलवे ट्रैक किनारे का कचरा रहवासी बस्तियों के लिए मुसीबत का सबब बन रहा है। यह कचरा कौन डालता है, इसका पता लगाने के लिए हमने एक कर्मचारी की ड्यूटी लगायी है, इसके बाद जिम्मेदारी तय करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती रितु मेहरा, सीएमओ