- बेटे के बाद माता-पिता का भी सुराग नहीं, मायके पक्ष ने की जांच की मांग
इटारसी। रेलवे कालोनी तीन बंगला में रहने वाला रेलवे का एक खलासी हेल्पर रहस्यमय ढंग से पिछले ढाई सालों से लापता है। बेटे के बाद उसके साथ रहने वाले माता-पिता भी बाद में लापता हो गए हैं। इधर रेलकर्मी की महाराष्ट्र निवासी पत्नी अपनी मासूम बेटी और रिश्तेदारों के साथ अपने पति की तलाश में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
बुधवार को रेलकर्मी की पत्नी और रिश्तेदार मदद के लिए वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ कार्यालय पहुंचे। विवाहिता अश्विनी माठे निवासी नांदुरा ने बताया कि उसका विवाह साल 2018 में राजेश माठे के साथ हुआ था। राजेश के पिता लक्ष्मण ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर नौकरी बेटे राजेश को दी, राजेश वरिष्ठ खंड अभियंता कार्यालय रेलपथ विभाग में खलासी हेल्पर था। साल 2022 में डिलेवरी के लिए राजेश की पत्नी मायके गई थी। 30 जून 2022 को राजेश अपनी पत्नी से मिलने का कहकर घर से गया था। उसके साले शिवाजी चिमकर, साढ़ू भाई योगेश डांगे के अनुसार ससुराल जाकर राजेश ने इटारसी में कुछ सूदखोरों का करीब 3 लाख कर्ज होने की बात कही।
परेशानी देख ससुराल वालों ने उससे कहा कि वह मदद कर देंगे, लेकिन इटारसी आकर राजेश कहने लगा कि मेरा कर्ज करीब 9 लाख रुपये हैं, संदेह होने पर ससुराल वालों ने राजेश से कहा कि जो भी कर्जदार हैं, उन्हें बुलाकर वे रुपये वापस करेंगे। इस बीच रहस्यमय ढंग से राजेश लापता हो गया, आखिरी बार उसने अपनी पत्नी से मोबाइल पर बात की थी, बाद में मोबाइल भी बंद हो गया। जब समय ज्यादा हुआ तो ससुराल पक्ष ने माता-पिता से पूछा, उन्हें पता चला कि राजेश यहां भी नहीं है, वह ड्यूटी भी नहीं जा रहा था। आखिरकार पिता ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। अश्विनी ने कहा कि मेरे पति का ढाई साल से पता नहीं है, मेरी बेटी तीन साल की हो चुकी है, उनका मोबाइल बंद ही आ रहा है, पहले पति लापता हुए, कुछ दिनों बाद उसके सास-ससुर भी यहां से चले गए हैं। परिवार ने पुलिस से मांग की है कि राजेश के मोबाइल की जांच कर उसकी तलाशी की जाए।
राजेश के लंबे समय से लापता रहने से उसकी नौकरी भी मुश्किल में पड़ सकती है, रेलवे सात साल बाद जांच होने पर ही पत्नी को नौकरी दे सकती है। इस बीच ससुराल पक्ष के साथ पत्नी और बच्ची भी अपने पिता की तलाश में जगह-जगह भटक रही है। राजेश की पत्नी ने कहा कि कर्जदारों के डर से उसका पति संभवत: कहीं चला गया है, या फिर उसके साथ कोई घटना हुई है, इसकी जानकारी ही नहीं मिल रही है। राजेश के माता-पिता को लेकर भी रिश्तेदारों के पास कोई खबर नहीं है।
स्वजनों ने कहा कि माठे की मोबाइल काल डिटेल्स से यह पता चलेगा कि आखिरी दिनों तक वह किन लोगों के संपर्क में था, कौन लोग उसे रुपयों के लिए परेशान कर रहे थे, उसका कितना कर्ज था, यह जानकारी जांच के बाद ही सामने आएगी, लेकिन पुलिस ने ढाई साल तक मामले में हीलाहवाली की, अब स्वजन पुलिस के आला अधिकारियों को शिकायत कर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। जन्म के बाद से आज तक राजेश की बेटी ने अपने पिता का मुंह तक नहीं देखा है, उसे लगता है कि कभी तो उसके पिता से उसकी मुलाकात होगी।