श्रीराम जन्मोत्सव के अंतर्गत श्रीराम कथा का पहला दिन
इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर परिसर में आज से प्रारंभ श्री राम जन्म महोत्सव अंतर्गत शाम को श्रीराम जन्म महोत्सव के इतिहास में पहली बार वाल्मीकि रामायण के आधार पर इस वर्ष की रामकथा की जा रही है। प्रथम दिवस की कथा में व्यासपीठ से महाराज रामकृष्णाचार्य ने रामायण का महत्व बताते हुए कहा कि सौदास नामक ब्राह्मण की शिवजी के श्राप से मुक्ति हो गई। अत: रामायण जन्म जन्मांतरों की पाप राशि को नष्ट कर जीवात्मा को शुद्ध कर देती है।
रामायण का निर्माण महर्षि बाल्मीकि ने किया वहीं उसका प्रचार किस प्रकार हो जब यह चिंता हुई तो तभी कुश और लव सामने दिखाई दिए। वाल्मीकि जी ने उन्हें रामायण पाठ पढ़ाकर उसके मान की आज्ञा दी। देवऋषि नारद ने ऋषि वाल्मीकि को रामायण उपदेश दिया था। वाल्मीकि ने चौबीस हजार श्लोकों में उसकी व्याख्या की। कथा को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि यह वाल्मीकि रामायण गायत्री मंत्र का विस्तार है। कथा के अगले भाग में महाराज दशरथ के द्वारा शासित अयोध्या नगरी का वर्णन करते हुए कथाव्यास ने भगवान श्री रामचंद्र जी के जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान का राम अवतार राक्षसी प्रवृत्तियों के विनाश और जनमानस के तारणहार के रूप में हुआ। महाराज श्री ने प्रथम दिवस श्री वाल्मीकि रामायण के कई प्रसंगों के आधार पर कथा सुनाई।
इस अवसर पर संगीतकार सुनील साहू बांसुरी, संजू अवस्थी तबला, मिथिलेश त्रिपाठी बेंजो पर एवं ललिता ठाकुर ने सुमधुर भजन प्रस्तुत किये। प्रथम दिवस की कथा में श्री रामजन्म महोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक विधायक डॉ सीतासरन शर्मा, श्रीमती कल्पना शर्मा, संरक्षक प्रमोद पगारे, अध्यक्ष सतीश अग्रवाल सांवरिया, कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा, सचिव अशोक शर्मा (एडवोकेट), कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, सह कोषाध्यक्ष अमित सेठ दरबार, विपिन चांडक, नितिन अग्रवाल अर्पण माहेश्वरी, सतीश बांगड़ सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित रहे। कथा के प्रथम दिवस पर मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने उपस्थित हो रहे हैं।
आकर्षक रूप से सजाया गया मंदिर प्रांगण
श्री राम जन्म महोत्सव समिति के प्रवक्ता भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्रि एवं श्री रामजन्म महोत्सव कार्यक्रम के चलते संपूर्ण मंदिर परिसर में आकर्षक साज सज्जा एवं विद्युत व्यवस्था की गयी है। मंदिर परिसर के आसपास के सभी मार्गो पर भी सनातनी ध्वज, भगवा झंडियो और सीरीज लाइट से सजावट की गयी है। प्रतिदिन सांयकाल 7 बजे से 10 बजे तक श्री रामकथा होगी, जिसमें समिति ने अधिक से अधिक धर्मप्रेमी जनता से शामिल होने का आग्रह किया है।