माखननगर। बुलेट मोटर सायकिल (Bullet Motorcycle) चोरी की झूठी एफआईआर (FIR) दर्ज कराने वाले दो सगे भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 15 जुलाई को दो सगे भाईयों ने अपने घर के पीछे से अपनी मोटर सायकिल चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। यह मोटर सायकिल उन्होंने फाइनेंस करायी थी। पुलिस (Police) को संदेह होने पर जांच के दौरान षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है।
माखननगर (Makhannagar) पुलिस ने दो सगे भाई सन्नी उर्फ भूरा कटारिया पिता नर्मदाप्रसाद कटारिया, 33 वर्ष एवं अजय पिता नर्मदाप्रसाद कटारिया दोनों निवासी तहसील कार्यालय के पीछे माखन नगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया है। उन्होंने गाडरवारा में एक युवक को डेढ़ लाख में यह मोटर सायकिल बेच दी थी। एसपी डॉ. गुरकरन सिंह के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम अवधेश प्रताप सिंह के मार्गदर्शन एवं अनुविभागीय अधिक (पुलिस) सोहागपुर चौधरी मदन मोहन समर के नेतृत्व में थाना माखन नगर पुलिस ने विवेचना के दौरान फायनेंस कंपनी से प्राप्त जानकारी में पाया कि उक्त मोटर साईकिल पर फायनेंस की किश्त शेष है। संदेह के आधार पर मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया।
मुखबिर से जानकारी प्राप्त हुई कि सन्नी भूरा कटारिया तथा अजय कटारिया ने अपनी मोटर साईकिल बुलेट को गाडरवारा जिला नरसिंहपुर में किसी व्यक्ति को फरवरी 2023 में नोटरी कराकर बेच दिया है। मुखबिर की सूचना की तस्दीक हेतु सन्नी भूरा कटारिया तथा अजय कटारिया को तलाश कर उनके निवास स्थान से अभिरक्षा में लेकर थाना लाया गया। बारीकी से पूछताछ करने पर उक्त दोनों भाइयों ने आज से करीब पांच माह पूर्व गाडरवारा जिला नरसिंहपुर के अपने परिचित शुभम शर्मा को 1 लाख 50 हजार रुपए में मोटर साईकिल बेचना स्वीकार किया एवं बताया कि दोनों ने मोटर साईकिल बेचकर बाद में चोरी की झूठी रिपोर्ट लिखा कर फायनेंस की गई राशि की किश्त नहीं भरना चाहते थे।
चोरी की रिपोर्ट के बाद बीमा कंपनी से क्लेम के भी रुपए प्राप्त हो सकें जिससे उन्हें दोनों तरफ से आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके। जानकारी के आधार पर पुलिस पार्टी को अजय कटारिया को हमराह लेकर गाडरवारा नरसिंहपुर भेजा। जहां पर मोटर साईकिल खरीदार शुभम शर्मा के निवास स्थान के बाहर अजय कटारिया की निशादेही से बुलेट क्रमांक एमपी 05 जेडए 4158 को जब्त किया तथा दोनों भाइयों के षड्यंत्र का पर्दाफाश किया। संपूर्ण कार्रवाई में निरीक्षक प्रवीण कुमार कुमरे, उप निरीरीक्ष हेमंत निशोद, प्रधान आरक्षक प्रीतम बावरिया, आरक्षक जगजीत भाटिया, कपिल जाट, महेंद्र सिंह धुर्वे, मनीष सोनी आयुष चौबे की मुख्य भूमिका रही।