इतिहास एवं साहित्य का धर्म पुस्तकों का लोकार्पण

इतिहास एवं साहित्य का धर्म पुस्तकों का लोकार्पण

इटारसी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद (AKhil Bhartiya Sahitya Parishad) तहसील शाखा इटारसी के तत्वावधान में, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीधर पराड़कर (National General Minister Sridhar Paradkar) द्वारा लिखित दो पुस्तकों इतिहास और साहित्य का धर्म का लोकार्पण संस्कार मंडपम मैरिज गार्डन सोनासांवरी के सभागार में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप मेंं नर्मदापुरम संभाग के अध्यक्ष बृजकिशोर पटेल (Chairman Brijkishore Patel) उपस्थित हुए। अध्यक्षता तहसील अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने एवं संचालन बृजमोहन सोलंकी ने किया।

इतिहास पुस्तक के संबंध में अपने विचार प्रगट करते हुए मुख्य अतिथि बीके पटेल ने कहा कि पुस्तक में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के गठन के उद्देश्य, परिषद के कार्य, राष्ट्रीय संगोष्ठी, विशिष्ट सम्मेलन, प्रशिक्षण वर्ग, साहित्य परिक्रमा, साहित्यकार सम्मान आदि अनेक लेखों का लेखक पराड़कर ने विस्तार से वर्णन किया है, जो साहित्य के क्षेत्र में पदार्पण करने वाले युवा साहित्यकारो के लिए अनमोल देन है।

साहित्य का धर्म पुस्तक के संबंध में विचार प्रकट करते हुए राजकुमार दुबे ने कहा कि लेखक पराड़कर ने वर्तमान में लिखे जा रहे साहित्य की कमियों को उजागर करते हुए कहा कि साहित्य जिस समाज के प्रश्नों को लेकर लिखा जा रहा है, देश का वह समाज साहित्य में अनुपस्थित है। समाज की दिशा एवं साहित्यकार की दिशा अलग हो गई है, जबकि साहित्य का मूल उद्देश्य मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति है। कार्यक्रम में भगवानदास बेधड़क और प्रमिला किरण ने भी पुस्तकों के संबंध में अपने-अपने विचार रखे। आभार सुनील दुबे ने माना।

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