इटारसी। धार्मिक यात्राओं पर जाने वाले जत्थों के इस शहर से इस वर्ष का पहला जत्था 29 जून को वैष्णोदेवी (Vaishnodevi) के दर्शन के लिए रवाना होगा। मां विजयासन देवी दरबार महर्षि कॉलोनी (Maa Vijayasan Devi Darbar Maharishi Colony) के सवा सौ भक्त इटारसी (Itarsi) से कटड़ा (Katra) के लिए रवाना होंगे।
मां विजयासन देवी दरबार महर्षि कालोनी समिति द्वारा दस वर्ष पूर्व मां वैष्णो देवी के दर्शन की यात्रा प्रारंभ की गई थी। यह समिति का 11 वॉ वर्ष है, जब 125 सदस्य इस यात्रा पर जाएंगे।
धार्मिक यात्रा की नगरी
इटारसी को धार्मिक यात्रा की नगरी कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यहां से लगभग हर प्रमुख धार्मिक यात्राएं संचालित होती हैं, और कोई भी व्यावसायिक तौर पर नहीं, बल्कि विशुद्ध धार्मिक यात्रा होती है। मां दुर्गा चौक वैष्णो समिति (Maa Durga Chowk Vaishno Samiti) हर वर्ष जुलाई माह के दूसरे हफ्ते में वैष्णोदेवी दर्शन के लिए यात्रा ले जाती है। भक्तों को सुबह के नाश्त से रात के खाने तक का इंतजाम समिति करती है। साथ ही एक तरफ का टिकट आरक्षण भी कराती है। यह यात्रा पैंतालीस वर्ष से अधिक समय से चल रही है।
इसी तरह से शिव शक्ति सेवा मंडल (Shiv Shakti Seva Mandal) यहां से भक्तों को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) पर ले जाता है। इसमें भी तीन से चार सौ भक्त हर वर्ष जुलाई माह में अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। वैद्यनाथ धाम काबड़ यात्रा समिति (Vaidyanath Dham Kabar Yatra Committee) वैद्यनाथ धाम) दर्शन को जाते हैं फिर गंगाजल (Gangajal) काबड़ में लेकर पहुंचते हैं। इस यात्रा में भी लगभग दो सौ भक्त हर वर्ष जाते हैं। कोराना काल में ये सभी यात्राएं बंद रहीं, लेकिन अब पुन: प्रारंभ की गई हैं। पहले यहां से साईं दर्शन के लिए शिर्डी (Shirdi) और बूढ़ा अमरनाथ दर्शन (Old Amarnath Darshan) को भी भक्त जाते थे। इसके अलावा तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) के दर्शन के लिए भी फाल्गुन माह में होली पर्व के आसपास यहां से सैंकड़ों भक्त जाते हैं। हाल ही में यहां से एक नयी यात्रा की शुरुआत हुई है, बाबा श्याम (Baba Shyam) के दर्शन की यात्रा। इसमें भी सैंकड़ों भक्त बाबा श्याम के दर्शन के लिए खाटू की यात्रा करते हैं। सभी यात्राओं से पूर्व समिति भक्तों को पूर्व से ही सूचित कर देती हैं ताकि तीर्थयात्रियों का आरक्षण समय से कराया जा सके।