कहीं राह में न हो जाये वायरस से मुलाकात

कहीं राह में न हो जाये वायरस से मुलाकात

टीके के बाद भी मास्क रखें याद : पारासर

इटारसी। राह में उनसे मुलाकात हो गई जिससे डरते थे वही बात हो गई, ये फिल्मी गीत अब कोरोना से बचाव के लिये सुनसान सड़क पर भी मास्क लगाने की चेतावनी दे रहा है। यह बात विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर (Science teacher Rajesh Parashar) ने कोरोना की नई क्लास में प्रयोगों को प्रदर्शित करते हुये बताई। प्रयोग में दो मॉडल को अलग-अलग सुनसान सड़क पर टहलते हुये बताया गया। जिसमें से पहले मॉडल ने मास्क पहना था और दूसरे ने नहीं। टहलने के दौरान ही बिना किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आये बिना मास्क वाले मॉडल के फेफड़े संक्रमित होकर रंग बदलते दिखे। जबकि मास्क लगाये मॉडल के फेफड़े संक्रमित नहीं हुये।
जिला पंचायत के सीईओ मनोज सरियाम (CEO Manoj Sariyam) के मार्गदर्शन में साईं फॉर्च्यून सिटी में आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में राजेश पाराशर ने बताया कि नई जानकारी के अनुसार कोरोना का संक्रमण ड्रापलेट्स और एरोसोल दोनों के कारण हो सकता है। ये व्यक्ति के बोलने, छींकने, खांसने से निकलकर हवा में तैरते हैं। 5 माइक्रोन से कम के ड्रापलेट्स को एरोसोल कहते हैं। एरोसोल 10 मीटर की दूरी तक फैल सकते हैं जबकि ड्रापलेट्स 2 मीटर तक फैलने की संभावना रहती है।
आदित्य पाराशर ने जानकारी दी कि बंद स्थान, बैंक का चैम्बर, लिफ्ट, सुपरबाजार, संकरी गली, बिना खिड़की वाले मकान आदि में एरोसोल लंबे समय तक हवा में तैर सकते हैं। 100 प्रतिशत टीकाकरण होने के बाद ही वायरस को कहीं शरण नहीं मिलेगी और वह रूप भी नहीं बदल पायेगा और वह हार मान जायेगा। एमएस नरवरिया ने संदेश दिया कि जब तक कि सभी लोगों को टीका नहीं लग जाता तब तक डबल मास्क का प्रयोग जारी रखें। इस कार्यक्रम में कैलाश पटेल, हरीश चौधरी ने सहयोग किया।

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