मप्र में अंग्रेजी शासन की याद, गरीब किसानों पर ‘तगड़ा लगान’

Post by: Rohit Nage

इटारसी। केसला आदिवासी ब्लॉक में सिंचाई विभाग ने तवा बांध के विस्थापित गरीब, आदिवासी किसानों पर प्रति व्यक्ति जो टैक्स का नोटिस दिया है, उसने अंग्रेजी शासन के लगान की यादें ताजा कर दी। समाजवादी जन परिषद ने इसे विरोध में रैली निकाली, धरना देकर ज्ञापन भी दिया है।

समाजवादी जन परिषद के नेता फागराम ने कहा, तवा जलाशय में जो तवा विस्थापित गरीब आदिवासी किसानों से तवा शीर्ष कार्यालय अनुविभागीय तवानगर ने सन् 2020-21, 2021-22 वर्ष का प्रतिवर्ष के लगान का प्रति व्यक्ति नोटिस दिया है, वह दस हजार से 52 हजार रुपए तक है। नोटिस पाकर किसान न सिर्फ हैरत में पड़ गये बल्कि इतना लगान देखकर अंग्रेजी शासन की याद आ गयी।

नाराज किसान केसला में आम के बागीचे में संगठन कार्यालय के समक्ष एकत्र हुए औरतख्ती हाथ में लेकर नारे लगाते रहे। तख्ती में लिखा था, गरीब किसानों से मनमानी लगान वसूली बंद करो, तवा विस्थापित किसान एकता जिंदाबाद। ये नारे लगाते सभी रैली की शक्ल में केसला ब्लॉक मुख्यालय पहुंचे। यहां कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं मिला तो वहीं धरने पर बैठ गये और अब उनके नारे बदल गये थे। नये नारे थे, ‘ओ बहरी सरकार सुन लईयो ‘ओ अंधी सरकार देख लईयोÓ जिला कचेरी घेरेंगे। मौके पर अधिकारी आधा घंटा बाद ज्ञापन लेने पहुंचे।

जब उजाड़ा, तब इतना मुआवजा नहीं दिया

समाजवादी जन परिषद के नेता फागराम ने कहा कि जब तवा बांध के कारण हमारे पूर्वजों को उजाड़ा गया था, जब हमारे लोगों को इतना मुआवजा नहीं दिया था, आज उससे कई गुना ज्यादा लगान वसूल रहे हैं। आज किसानों को खेती करने में बड़ी दिक्कतें हो रही हैं, महंगाई बढ़ गई है, सरकार कह रही थी कि सन् 2022 तक किसानों की आमदनी दो गुना बढ़ जाएगी, यहां तो उल्टा हो रहा है। इस संबंध में किसानों ने विधायक प्रेमशंकर वर्मा को भी अवगत कराया तो उन्होंने भी कहा कि यह गलत है, मैं इस संबंध में अधिकारियों से बात करूंगा। किसानों ने जनसुनवाई में भी कलेक्टर को जानकारी दी। समाजवादी जन परिषद ने सरकार से मांग की है कि तवा विस्थापित गरीब आदिवासियों, किसानों से इतना लगान लेना अनुचित है, जो नोटिस गरीब किसानों को दिये हैं, उसे वापस लेकर खत्म करना चाहिए। इस अवसर पर आधा दर्जन गांवों के किसान मौजूद थे।

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