तवा किनारे लौटे 1983-84 में उड़े परिदें, बांटी खुशियां

Post by: Rohit Nage

इटारसी। 1983-84 में उड़े तवा के परिंदे 40 साल बाद फिर तवा किनारे एकत्र हुए और अपने दुख-दर्द, खुशियां और पुरानी यादें साझा कीं। तवा के परिदें पुरानी सुनहरी यादों के साथ कई घंटे यहां रहे और अपना बीता समय याद किया।

दरअसल, 1983-84 में तवा नगर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयके हायर सैकंड्री पास आउट छात्र-छात्राओं का तवा के परिंदों के नाम से संचालित ग्रुप तवानगर आया है। उनके लिय यह ऐतिहासिक पल हैं। इस दौरान गुरुवर श्री वासने, श्री वर्मा, श्री अग्रवाल, श्री तोमर आदि का फूल माला, शॉल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया। प्रदेश सहित दूसरे प्रदेश और विदेश से आए हुए तवा के परिंदों ने मंच पर गुरु जनों का सम्मान करते हुए अपना परिवार सहित परिचय एक दूसरे को दिया। मिलन समारोह, स्नेहभोज के बाद सबको स्मृति चिन्ह प्रदान कर विदाई दी गई।

कार्यक्रम के संयोजक मोहन सिंह राजपूत, संजय वासने, मनोज बाघमार, वफात खान, उमेश शर्मा, मंजूर हसन, रमेश गुजरे, बनवारी लाल, रामपाल, नंद राय, संध्या शर्मा, मलिक, उमा यादव, अनीश खान, परवीन बानो, महेंद्र समदानी, तेजवंत सिंह चौहान, योगेंद्र लिखकर, के गोरिल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। संचालन मोहन सिंह राजपूत ने, आभार व्यक्त संजय वासने ने किया।

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