इटारसी। रेलवे स्टेशन से न्यूयार्ड पहुंच मार्ग के बीच अधूरी पड़ी सड़क इस मानसून के बाद वाहन चालकों के लिए एक बार फिर मुसीबत बनेगी।
रेलवे और नगर पालिका के बीच खींचतान में अभी तक सड़क के अधूरे हिस्से एवं दोनों तरफ अधूरे पड़े नाले का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। 15 जून के बाद मानसून की आमद के साथ ही वर्षाकाल में फिर यहां दलदल के हालात बनेंगे।
रेलवे ने हाथ खींचे
पिछले दिनों एईएन रेलवे कार्यालय ने सांसद राव उदय प्रताप सिंह (MP Rao Uday Pratap Singh) के निर्देश पर नगर पालिका को एक अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया, इसमें रेलवे ने दावा किया है कि इस मार्ग के रखरखाव हेतु रेलवे के पास बजट नहीं है।
इस सड़क का उपयोग रेलवे से ज्यादा आम नागरिक एवं शहरी-ग्रामीण क्षेत्र के लोग कर रहे हैं, इसलिए मार्ग का रखरखाव नपा कराए। दरअसल सांसद राव उदयप्रताप सिंह ने फुटब्रिज लोकार्पण के अवसर पर अधिकारियों से कहा था कि रेलवे स्टेशन रोड के रखरखाव की अनुमति नगर पालिका को दे दी जाए।
सांसद के अनुसार रखरखाव के तौर पर नपा यहां पेंचवर्क या मलबा डालकर फिलिंग करा सकती थी, लेकिन रेलवे अधिकारी चाहते हैं कि नपा ही अब अधूरे हिस्से में सीसी रोड का निर्माण कराए।
जेडआरयूसीसी सदस्य राजा तिवारी ने बताया कि पिछले साल स्लीपाट बिछाने के बाद जिस ठेकेदार को रेलवे ने इस मार्ग के निर्माण एवं दोनों तरफ नाला निर्माण का ठेका दिया था, उसने रेलवे से भुगतान न मिलने के कारण काम बंद कर दिया था, प्रयास किया जा रहा है कि उसका भुगतान कराने के बाद अधूरी सड़क का काम परा कराया जा सकता है।
फिर हुआ सड़क हादसा:
गड्डों में तब्दील रेलवे स्टेशन पर पिछले छह माह में एक रेलकर्मी की मौत हो चुकी है, जबकि अलग-अलग हादसों में चार रेलकर्मी और दो राहगीर हादसे का शिकार हो चुके हैं।
शनिवार सुबह डीजल शेड की महिला कर्मचारी अभिलाषा राय का ड्यूटी जाते समय स्कूटर स्लिप हो गया। हादसे में उनके साथ सवार महिला रेलकर्मी नीलू ब्रह्मवंशी भी जख्मी हो गईं, दोनों को रेलवे अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किया गया।
अभिलाषा राय को नर्मदा अस्पताल रेफर किया गया, डाक्टर्स के अनुसार राय की छाती एवं सिर में गंभीर चोट आई है, रिब्स फ्रेक्चर हैं, उन्हें हालत नाजुक होने की वजह से कुछ दिन आईसीयू में ही रखा जाएगा।
आर्मी के रिटायर्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डा. प्रणब चौबे की देखरेख में इलाज जारी है, जबकि सहकर्मी नीलू ब्रह्मवंशी को मामूली चोट आई है, उन्हें इलाज के बाद घर भेजा गया। अभिलाषा अपने दो वर्ष के बेटे के साथ रेलवे आवास यार्ड में रहती हैं, उनके पति झांसी में हैं।
वर्षा में होगी समस्या
रेलकर्मी हेमराज सिसोदिया, अर्जुन उटवार ने बताया कि हर साल वर्षा में इस मार्ग पर दलदल के हालात निर्मित हो जाते हैं, सड़क पर पानी जमा होने के बाद निकासी न होने के कारण पानी गड्डों में जमा हो जाता है, रात में इस मार्ग पर प्रकाश का इतंजाम भी नहीं रहता।
इस मार्ग से रोजाना करीब 10 हजार वाहन चालकों की आवाजाही होती है। न्यूयार्ड रेलवे आवासीय कालोनी, प्राइवेट कालोनी में रहने वाले परिवारों के अलावा नाला मोहल्ला, देहरी, जुझारपुर, जमानी, पीपलढ़ाना, बोरतलाई, डोलरिया होकर हरदा जाने वाले वाहन चालक इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं।
यार्ड के आसपास तेजी से शिक्षण संस्थान, पेट्रोल पंप विकसित हुए हैं, इस वजह से यहां रिहायशी इलाका बढ़ रहा है। ऐसे में हजारों रेलकर्मी इस मानसून के बाद भी परेशान होंगे।