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मंथन-2021 में बनेगा स्वास्थ्य सेवाओं में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप

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मंथन-2021 में बनेगा स्वास्थ्य सेवाओं में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप

भोपाल। वर्तमान परिदृश्य में तेजी से बदलती चिकित्सकीय आवश्यकताओं, शैक्षणिक प्रगति और तकनीकी क्रांति के बीच, प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को आत्म-निर्भर बनाने के लिए भोपाल में दो दिवसीय मंथन-2021 का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में मार्च 2021 में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की रूपरेखा पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग (Education Minister Vishwas Kailash Sarang) द्वारा मंत्री-मंडल के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया।

शोधकर्ता, चिकित्सक से लेकर वार्ड बॉय तक होंगे सम्मिलित
मुख्यमंत्री चौहान के सम्मुख हुए प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि मंथन-2021 में प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए ईज ऑफ हेल्थ सर्विसेज (Ease of Health Services) के प्रमुख संकेतक निर्धारित किए जाएंगे। इसमें चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े उच्च अधिकारियों से लेकर वार्ड बॉय, सुरक्षाकर्मी, प्राइवेट संस्थान के प्रतिनिधि तथा विषय-विशेषज्ञ शामिल होंगे। चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट मैनेजर और वित्तीय सलाहकार, पैरामेडिकल क्षेत्र के प्रतिनिधि, चिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मंथन-2021 में शामिल होंगे। साथ ही यूनिसेफ, डब्लू.एच.ओ. और वर्ल्ड बैंक जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी सहभागिता करेंगे।

8 समूह करेंगे विचार-मंथन
चिकित्सा क्षेत्र के समग्र विकास के लिए रोडमैप तैयार करने के उद्देश्य से चिकित्सा शिक्षा, शोध और स्वास्थ्य से संबंधित 8 विषयों को शामिल किया गया है। इन विषयों पर 8 समूहों का गठन किया जाएगा। प्रत्येक समूह में 10 से 12 प्रतिभागी होंगे। प्रत्येक समूह परस्पर चर्चा और सुझाव के बाद अपना प्रस्तुतिकरण देगा। इन सुझावों और विचारों के आधार पर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए आगामी तीन वर्षों का रोडमैप तैयार किया जाएगा।

मंथन-2021 के प्रमुख 8 विषय
चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रकल्प तैयार करना।

चिकित्सा छात्र, चिकित्सक और अन्य संवर्गों के कल्याण के लिए मानक तय करना।

नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएँ सुनिश्चित करने के लिए ईज ऑफ हेल्थ के संकेतक निर्धारित करना।

पेशेंट सेफ्टी एवं चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता के लिए मानक तय करना।

नवीनतम आई.टी. एवं ए.आई. आधारित तकनीक और चिकित्सा यांत्रिकी के उपयोग को प्रोत्साहन।

चिकित्सकीय मानव संसाधन की क्षमता वृद्धि एवं अधोसंरचना विकास के आयाम का निर्धारण।

सामाजिक समावेश, सहभागिता, सीएसआर एवं पीपीपी मॉडल को चिकित्सकीय क्षेत्र में आत्मसात करना।

प्रदेश में मेडिकल रिसर्च को बढ़ावा देना
इसके अलावा चिकित्सकीय शोध को चिकित्सा करिकुलम के साथ जोड़ने, रूरल हेल्थ रिसर्च, मूल्य आधारित चिकित्सा पद्धति को आत्मसात करने के लिए मेडिकल एथिक्स (Medical ethics) मापदंड को निर्धारित करने और राष्ट्रीय शोध संस्थानों आईसीएमआर, डीआरडीओ, डीबीटी, सीएसआईआर के साथ शोध समन्वय की दिशा में भी प्रयास होंगे।

 

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