इटारसी। होरियापीपर (Horiapeeper) रेत खदान में सोमवार को दोपहर आरकेटीसी कंपनी (RKTC Company) के कर्मचारियों और रेत खदान पर मौजूद ग्रामीणों के बीच हुई मारपीट की घटना में रामपुर पुलिस ने सात लोगों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया है। यह पहली घटना नहीं है, जिसमें विवाद हुआ है। पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। रेत चोरी को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन इसके पीछे की वजह को खत्म करके ऐसे होने वाले विवादों से बचने के लिए जिला प्रशासन को पहल करनी होगी।
सवाल यह है कि आखिर इसका गुनाहगार कौन है? क्या कंपनी के कर्मचारियों को, जो प्रायवेट लोग होते हैं, कानूनन रेत चोरी रोकने जाकर ग्रामीणों से मारपीट करने या धमकाने का अधिकार है? कंपनी के लोग जो यूपी (UP), भिंड (, Bhind) , चंबल (Chambal) क्षेत्र से बुलाये गये हैं, रेत खदानों पर सीधे खुले हथियार लेकर जाते हैं, और ग्रामीणों से अभद्रता करते हैं, तभी मारपीट और विवाद की स्थिति बनती है। क्या कंपनी को रेत चोरी रोकने के लिए खनिज विभाग या पुलिस की मदद नहीं लेनी चाहिए। जब मारपीट और विवाद की स्थिति होती है तभी पुलिस के पास क्यों जाया जाता है, पहले क्यों नहीं? इन सवालों के जवाब यदि जिला प्रशासन को खोज ले तो ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं।
कितने दिन काम करेगी कंपनी
दरअसल, रेत चोरी रोकने बिना खनिज विभाग या पुलिस (Police) के साथ कंपनी के कर्मचारी सीधे ही खदान पर पहुंचते हैं और अक्सर विवाद की स्थिति बनती है। यही हाल रहा तो बाहर से आयी कंपनी जल्द ही अपना कारोबार समेटकर वापस जा सकती है। इन हालातों में हो सकता है कि कंपनी अधिक दिन यहां काम न करे, क्योंकि रेत चोरी रोकने का उसे अनुभव नहीं है और वह भी हथियारबंद लोगों की मदद लेकर धमकाने जैसा काम करके विवाद ही बढ़ा रही है।
इनके खिलाफ बनाया है मामला
रामपुर पुलिस ने सोमवार को दोपहर हुए रेत खदान विवाद में फरियादी अमरेश पिता रामलखन सिंह सिकरवार 30 वर्ष, निवासी ग्राम किरावली जिला आगरा, वर्तमान निवास मालाखेड़ी की शिकायत पर ग्राम होरियापीपर निवासी प्रदीप कीर, अभिषेक कीर, राजा कीर, नीलेश कीर, डोंगरवाड़ा के अक्कू कीर और सोनतलाई के नरेन्द्र कीर और शिवराज कीर के खिलाफ उपद्रव, नुकसान पहुंचाने, मारपीट कर चोट पहुंचाने का प्रकरण पंजीबद्ध किया है। आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।