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तीन माह से नहीं मिला वेतन तो की सफाईकर्मियों ने हड़ताल

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  • – सुबह से रेलवे स्टेशन की बदरंगी तस्वीर दिखाई दी
  • – सूचना पर स्टेशन पहुंचे अधिकारियों से नहीं माने

इटारसी। रेलवे स्टेशन पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। गंदगी को लेकर तो एक वक्त इसे अवार्ड मिला था, अब यह गंदगी के नाम पर कुख्यात रेलवे स्टेशन बनता जा रहा है। कुछ समय पूर्व मंडल के अधिकारी गंदगी को लेकर नाराजी जता चुके हैं, बावजूद इसके यहां की तस्वीर नहीं बदली है। ठेकेदारी प्रथा ने हालात और भी ज्यादा बिगाड़ रखे हैं। पिछले तीन महीने से तनख्वाह नहीं मिलने से आज भी सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल की और सुबह के वक्त अच्छा देखने की इच्छुक यात्रियों की आंखों को सब जगह गंदगी ही पसरी दिखी।

सूचना मिलने पर आला अधिकारी स्टेशन प्रबंधक देवेन्द्र सिंह चौहान, एसएस कमर्शियल एवं डीसीआई विनोद वर्मा तथा एचआई एमए खान पहुंचे और समस्या का निदान करने का आश्वासन दिया। लेकिन कर्मचारी वेतन मिलने तक कुछ करने को तैयार नहीं हैं।

गंदगी के नाम पर स्टेशन की इमेज जो कभी स्पष्ट थी, अब धुंधली होती जा रही है। पटरियों के पास, प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय, प्रतीक्षालय के सामने का परिसर, एफओबी, सब जगह गंदगी का कब्जा है। कई मर्तबा सफाई कर्मचारियों को भी धूप सेंकते देखा जा सकता है और गंदगी पड़ती रहती है। वेतन न मिलने के कारण उनका हड़ताल करना ठीक माना जा सकता है, लेकिन जब वेतन मिले, तभी काम नहीं करना कतई ठीक नहीं कहा जा सकता है। बैतूल से मुंबई जा रहे सुनील पलेरिया ट्रेन बदलने यहां रुके। उन्होंने कहा कि इतनी गंदगी इस रेलवे स्टेशन पर कभी नहीं देखी। सफाई के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए देती है तो फिर वह पैसा आखिर जाता कहां है? यहां ठेकेदार विकल्प दुबे हैं, जो वेतन नहीं दे पा रहे हैं।

मध्यप्रदेश के इस प्रमुख रेलवे स्टेशन पर सफाई कर्मचारियों को भी पूर्ण ईमानदारी की मिसाल पेश करनी होगी, तभी तस्वीर में बदलाव हो सकता है। ठेकेदारी प्रथा में ठेकेदार को इतना टाइट करके रखना पड़ेगा कि वह समय पर वेतन भुगतान करें, तभी कर्मचारियों से भी ईमानदारी की अपेक्षा कर सकते हैं। कुछ दिन पहले भी सफाई कर्मचारियों ने ऐसी ही हड़ताल की थी। आज फिर रेलवे स्टेशन के सफाई कर्मचारियों ने तीन माह से वेतन नहीं मिलने पर की काम बंद हड़ताल कर दी जिससे स्टेशन की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है।

आज टूट गया सब्र का बांध

तीन माह से ठेकेदार सफाई कर्मचारियों को वेतन नहीं देकर केवल आश्वासन दे रहा है। आज कर्मचारियों का सब्र का बांध टूटा और उन्होंने काम बंद कर दिया। सफाई कर्मचारियों का कहना था कि सफाई ठेकेदार कर्मचारियों को वेतन देने की जगह केवल आश्वासन दे रहा है। वेतन नहीं मिलने से सभी कर्मचारी परेशान हैं और किराना दुकान वाले ने भी उधार सामान देना बंद कर दिया है। घर में दूध खरीदने के पैसे भी नहीं बचे हैं। रेलवे अधिकारी भी सफाई कर्मचारियों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अधिकारियों को कड़े निर्णय लेते हुये वर्तमान ठेकेदार का ठेका निरस्त कर देना चाहिये, क्योंकि उक्त ठेकेदार हर माह समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है। जब से वर्तमान ठेकेदार ने सफाई कार्य अपने हाथों में लिया है, तब से सफाई कर्मचारियों को वेतन के लिये परेशान होना पड़ रहा है।

इनका कहना है…

सूचना मिलने पर गये थे, डीसीआई और एचआई भी पहुंचे थे। कर्मचारियों से बातचीत की है, लेकिन वे वेतन मिलने पर ही काम करने का कह रहे हैं। अभी कर्मचारियों से और बात की जाएगी तथा ठेकेदार से भी वेतन दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

देवेन्द्र सिंह चौहान, स्टेशन अधीक्षक

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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