इटारसी। आधी रात को अज्ञात कारणों से लगी आग में छीपीखापा की सरपंच गंगाबाई उईके (Sarpanch Gangabai Uike) का मकान पूरी तरह से जलकर खाक हो गया और मकान के भीतर रखा सामान भी पूरी तरह से जल गया। यहां तक कि आग की तपन इतनी थी कि जेवर भी पिघल गये। अनाज, पहनने-बिस्तर के कपड़े, सबकुछ जलकर राख हो गया। घटना आधी रात को हुई, ग्रामीणों ने काफी प्रयास किये, लेकिन आग बुझी तो सबकुछ खत्म करने के बाद। अलबत्ता पशुओं को बचा लिया। घटना के वक्त सरपंच और उनके पति ही घर पर थे। दो बेटे सुखतवा गये हुए थे।
सामाजिक कार्यकर्ता शिरीष चीचाम ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल जाकर देखा है। वहां कुछ भी नहीं बचा। आग की विकरालता के आगे बर्तनों का आकार भी बदल गया। अब केवल दीवार खड़ी हैं, बिना छत के। मकान मालिक शिवराम उईके ने बताया कि रात को करीब डेढ़ बजे आग अज्ञात कारण से लगी। सारा गांव इकठ्ठा हो गया। जिसने जैसे बनी मदद की। लेकिन आग विकराल थी, सबकुछ खत्म करके ही थमी। उनका मकान 45 गुणा 34 भू-भाग में बना है। आग में चार कमरे और दो बरामदे पूरी तरह से जल गये।
पहुंचे जिम्मेदार, कार्यवाही पूर्ण की
शिवराम उईके ने बताया कि आग की सूचना के बाद तवानगर से पुलिस भी सुबह करीब 4 बजे पहुंच गयी थी। उन्होंने अपनी कार्रवाई पूर्ण की है। रात करीब 1:30 बजे लगी आग सुबह 4:30 बजे के लगभग शांत हो सकी। सारा गांव आग बुझाने में लगा था।
ऐसे किये आग बुझाने के प्रयत्न
बताया जाता है कि गांव में कुछ दिन से लाइट नहीं है। आसपास ट्यूबवेल भी नहीं है। कुए से पानी खींच-खींचकर ग्रामीणों ने आग बुझाने के प्रयास किये। फिर पास के गांव घोघरी जाकर वहां से टैंकर भरकर लाए और आग पर डालकर बुझाने का प्रयास किया।
ये सामान जलकर राख
करीब तीन घंटे चले आग के इस तांडव में इमारती लकड़ी, एलसीडी, अलमारी, पंखा, कूलर, लकड़ी के पलंग, करीब 8 क्विंटल गेहूं, डेढ़ क्विंटल चावल के अलावा धना, मक्का, महुआ, बिस्तर, पहनने के कपड़े, जेवर आदि जलकर राख हो गये।
ग्रामीणों ने बचाये पशु
जिस वक्त घटना हुई, घर में सरपंच पति शिवराम उईके और सरपंच गंगाबाई उईके ही थे। उनके दोनों बेटे सुखतवा गये हुए थे, जहां उनकी साली का फलदान कार्यक्रम था। आग की सूचना पर ग्रामीणों ने बकरियों के साथ अन्य पशुओं को खोलकर भगाया।