ठेकेदार ने काम कराया, पैसे नहीं दिये और मारा भी

Post by: Poonam Soni

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तीन दिन से भूखे मजदूरों को एसडीएम (SDM) ने भेजा उनके घर

इटारसी। ठेकेदार की प्रताडऩा से तंग आकर हैदराबाद से भागकर आए बनारस उत्तरप्रदेश (Banaras Uttar Pradesh) के चार मजदूरों को एसडीएम इटारसी (SDM Itarsi) ने जीआरपी (GRP) की मदद से उनके घर भेजा है। ये मजदूर हैदराबाद से भागकर ट्रक से यहां पहुंचे और ट्रक चालक ने उनको ग्राम ब्यावरा के पास उतारा था। जहां से कमिश्रर को सूचना मिलने पर वहां से एसडीएम इटारसी एमएस रघुवंशी (SDM MS Raghuvanshi) को इनकी व्यवस्था करने के निर्देश मिले थे। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि कमिश्रर को सूचना मिली थी कि ग्राम ब्यावरा के पास चार मजदूर भूखे-प्यासे पड़े हैं। आयुक्त ने दूरभाष पर अनुविभागीय अधिकारी इटारसी को निर्देशित किया कि वे उनको देखें। सूचना पर तत्काल एसडीएम  रघुवंशी ने अपने कर्मचारियों की टीम ग्राम ब्यावरा भेजकर चारों को वाहन से इटारसी बुलाया और यहां उनको पहले नाश्ता कराया फिर उनसे पूछताछ की गई।

काम कराया, मजदूरी नहीं दी
चारों मजदूर नागेन्द्र वनवासी पिता जयश्री वनवासी 30 वर्ष, रामभरत वनवासी पिता किशोरी वनवासी 18, बाल वनवासी पिता जंगली वनवासी 24 वर्ष, प्रदीप पटेल पिता प्रहलाद पटेल 40 वर्ष निवासी बनारस उत्तरप्रदेश ने बताया कि जोगेन्दर और सरोज निवासी ग्राम रामपुर, तहसील भडसठी, जिला जोनपुर ने उन्हें अनिल कुमार वनवासी ठेकेदार से मिलवाया था। ठेकेदार ने 17 दिसंबर 2020 को मजदूरी कराने हैद्राबाद ले गया और वहां एक माह रखा, काम कराया और मजदूरी का भुगतान नहीं किया। बिना पैसे दिये लगातार मजदूरी कराते रहे और मारपीट भी की गई। ठेकेदार की प्रताडऩा से तंग आकर ये लोग जैसे तैसे भागकर 29 जनवरी 2021 को इटारसी पहुंचे। ट्रक वाले ने उनको ब्यावरा के पास उतारा। इन लोगों ने दो-तीन दिन से कुछ नहीं खाया था। पहले उनको नाश्ता कराया और फिर खाना खिलाया। एसडीएम रघुवंशी ने जीआरपी की मदद से बनारस या इलाहाबाद जाने वाली ट्रेन से भेजने को कहा। इनके पास पैसे नहीं थे तो रास्ते के लिए पैसे भी दिये गये।

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