इटारसी। जुलाई माह आधा बीत चुका है। इस माह में जहां झमाझम वर्षा होती थी, इस वर्ष मानो मानसून (Mansoon) रूठ गया है। जून के शुरुआत हफ्ते में तीन दिन जिस तरह की वर्षा हुई, उसे देखकर मौसम विज्ञानी भी अच्छी बारिश की संभावना व्यक्त कर रहे थे। लेकिन, सभी संभावना और अनुमानों को परे कर आधा जुलाई बीतने पर भी झमाझम बारिश के लिए खेत भी तरस रहे और गर्मी से झुलस रहे नागरिक भी।
खेत सूख रहे हैं और सबसे अधिक पानी की जरूरत वाली धान की फसल भी। सोयाबीन से धोखा खाये किसान अच्छी बारिश, तवा से मिलने वाले पानी की उम्मीद में धान की उपज की तरफ चल पड़े थे। लेकिन, भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है और इस जुए में हार किसान की हो रही है। उपज नहीं होगी तो महंगाई बढ़ेगी, फर्क आमजन पर पड़ेगा। उपज नहीं होगी तो शहरों का कारोबार प्रभावित होगा, असर व्यापार पर पड़ेगा। ऐसे में लोग दुआ कर रहे हैं कि अच्छी बारिश हो जाए। लेकिन, मौसम विभाग के अनुमानों पर गौर करें तो अगले चौबीस घंटे में तेज बारिश की उम्मीद नहीं दिखती है।
मौसम विभाग ने आगामी चौबीस घंटे में होशंगाबाद संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें और कहीं-कहीं गरज के साथ बिजली चमकने/गिरने की संभावना जतायी है। पिछले चौबीस घंटे में संभाग के घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल में 4 सेमी, खिरकिया हरदा जिले में 3 और टिमरनी और हरदा, जिला हरदा में 2 सेमी वर्ष दर्ज की गई है।