- – नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए रोकेंगे गंदगी
- – नगरपालिका अध्यक्ष, सीएमओ ने किया नालों का निरीक्षण
इटारसी। शहर से निकलने वाले गंदे नालों का पानी आगामी समय में साफ सुथरा होकर मां नर्मदा नदी में मिलेगा। इसके लिए नगर पालिका परिषद इटारसी ने प्रयास शुरु कर दिए हैं। नपा शहर के दो बड़े नालों पर शहर के बाहरी हिस्से में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के लिए सर्वे कर रही है। दोनों एसटीपी बनाने में लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। आज नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने भोपाल से बुलाए गए एक कंसलटेंट के साथ शहर के दोनों छोर से बहने वाली सीपीई से साकेत पलकमति नदी और मेहरागांव नदी (वर्तमान में नाले) के इटारसी में एंड पाइंट पर सर्वे किया।
सर्वे के दौरान नगरपालिका सीएमओ रितु मेहरा, उपयंत्री सोनिका अग्रवाल मौजूद थी। नालों पर एसटीपी निर्माण करने से शहर के घरों, कारखानों, होटलों से निकलने वाला गंदा व जहरीला पानी साफ होकर आगे की ओर बहेगा, जिससे मां नर्मदा में प्रदूषित जल नहीं मिलेगा और इससे किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि इटारसी से निकलने वाले नाले से किसान खेती भी करते हैं। दो एसटीपी बनेंगे स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत मप्र शासन ने तय किया है कि इटारसी में बहने वाले गंदे नालों के पानी का शुद्ध किया जाए। इसके लिए दो एसटीपी बनाने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। पहला एसटीपी सोनासांवरी और साकेत के बीच जहां पर सीपीई से लेकर सोनासांवरी तक बहने वाला नाला आता है, उस पर बनेगा और दूसरा एसटीपी बूढ़ी माता मंदिर के पीछे की तरफ बनेगा। यहां पर मेहरागांव नदी आती है जिसमें शहर के आधे हिस्से का गंदा पानी नालियों के जरिए मिलता है।
शासकीय जमीन तलाश रहे
नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे ने बताया कि एक एसटीपी निर्माण के लिए लगभग 6 हजार से 8 हजार वर्गफीट जमीन की जरूरत होगी। नालों के किनारे इतनी सरकारी जमीन की तलाश की जा रही है। इसके लिए इन क्षेत्रों के पटवारी व आरआई से संपर्क किया है। ऐसे शुद्ध होगा पानी नगर पालिका पहले नालों पर वैराज स्टॉप डैम बनाएगी। जहां पानी गंदा पानी जमा होगा। यहां एक पंप हाउस बनेगा, जो गंदे पानी को आगे एसटीपी में भेजेगा। एसटीपी पानी को शुद्ध कर आगे नदी में बहा देगा। एक एसटीपी की क्षमता 10 लाख लीटर पानी स्टोर करने की होगी।
दो नदियों में मिलते हैं गंदे नाले
इटारसी की सीमा में सीपीई से पहाड़ी नदी पलकमति शहर में प्रवेश करती है जो शहर में नाले में तबदील हो जाती है, इसे पथरोटा और आसपास पलकमति नदी कहा जाता है कि जबकि शहर में यह सांकरिया नदी हो जाती है। इसमें पुरानी इटारसी में गगन मगन के पास से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पीछे लगभग 3 वार्डों का पानी आकर मिलता है। घाटली नाका पर इसमें घाटली से आने वाली नदी मिलती है। इससे थोड़े आगे इस नदी में देवल मंदिर के पास से खेड़ापति मंदिर होकर आने वाला नाला मिलता है। नदी पर आगे जाकर बंगलिया रेलवे वासिंग साइडिंग पर पुरानी इटारसी के शिवराजपुरी कॉलोनी, रेलवे कॉलोनी, राममंदिर एरिया सहित आसपास के 4 वार्ड का पानी आकर मिलता है। नदी सांकरिया पुल से आगे जाती है तब इसमें भोपाल रेल लाइन के पास खेड़ा पर मौजूद कब्रिस्तान के पीछे औधोगिक क्षेत्र से आने वाले नाले का पानी मिलता है।
इसी नदी में रेल पटरी पार करके जाने के बाद न्यास कॉलोनी, मुख्य बाजार क्षेत्र, 18 बंगला, गरीबी लाइन, कावेरी स्टेट सहित आसपास का सारा पानी मिलता है। आगे सोनासांवरी नाला पर पुल के पास इस नदी में सूरजगंज होकर जाने वाला मुख्य नाला और सोनासांवरी ग्राम का पानी मिलता है। आगे एलकेजी कॉलोनी से होकर यह नदी साकेत के पास मेहरागांव नदी से मिल जाती है। मेहरागांव नदी : इटारसी की सीमा में जमानी रोड पर सीपीई के पीछे से एक नाला प्रवेश करता है जोकि नरेंद्र नगर, 12 बंगला होकर ठंडी पुलिया से नाला मोहल्ला में प्रवेश करता है। जमानी रोड से इसमें व 02, 05, 33 और 34 ड्रेनेज का पानी बहता है। वहीं इटारसी के नाला मोहल्ला एरिया में ठंडी पुलिया से होकर आगे जाने वाले इस नाले के साथ ही नाला मोहल्ला के मेहरागांव नदी के पास वाले हिस्से का सीवरेज का पानी मेहरागांव नदी में मिलता है।
इस नदी में नया यार्ड व मेहरागांव का गंदा पानी भी आकर मिलता है। नाला मोहल्ला के नाले मे वार्ड 24, 25, 26, 27, 28, 23, 22 का गंदा पानी मिलता है। आगे की ओर कुंडा घाट दीपक अग्रवाल की रहवासी कॉलोनी के पीछे की ओर नाला मोहल्ला का नाला मेहरागांव नदी में मिलता है। आगे जाकर बूढी माता मंदिर के पीछे वार्ड 18, 19, 20, 16 का पानी मेहरागांव नदी आकर मिल जाता है। इनका कहना है विधायक डॉ सीतासरन शर्मा की मंशा के अनुरूप शहर के गंदे नालों के पानी का शुद्ध करने योजना बना रहे हैं। आज सर्वे किया है, दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कार्ययोजना है। करीब 45 करोड़ रुपये इसमें खर्च होंगे। जल्दी ही यह योजना मूर्त रूप ले लेगी। पंकज चौरे, अध्यक्ष, नगरपालिका