मानवता का सब संदेश देने वाला ग्रंथ है, श्रीराम चरितमानस

इटारसी। विश्व में मानवता का संदेश देने वाला धरती पर यदि कोई ग्रंथ है, तो वह है श्रीराम चरितमानस। यदि यह बात सच नहीं होती तो इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देश में श्रीराम चरितमानस का प्रथम सम्मेलन न होता।

उपरोक्त उद्गार संत श्री महावीर दास ब्रह्मचारी ने ग्राम सोनतलाई में व्यक्त किए। श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीराम चरितमानस प्रवचन समारोह के समापन दिवस में संत श्री महावीर दास जी ने कहा कि यदि भारत की राजधानी दिल्ली है, तो भारतीय धर्म संस्कृति की राजधानी का काशी है। प्रसंग कोई विस्तार देते हुए गाजीपुर के अखिलेश उपाध्याय ने कहा कि यदि इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देश श्रीराम चरितमानस का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सकते हैं, रूस जैसा भगवान को न मानने वाला देश राम चरितमानस रूसी भाषा में अनुवाद करने में रूचि रखता है, अपने देश का सबसे बड़ा सम्मान लेनिन प्राइज दे सकता है, तो समझो कि संपूर्ण विश्व में रामचरित्र मानस ही वह ग्रंथ है, जो मानवता का शुभ संदेश देता है।

मानस मर्मज्ञ कंचन दुबे राघवेंद्र रामायणी ने श्रोताओं को श्रीराम अवतार के ज्ञान से अवगत कराया। ग्राम सोनतलाई में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ की पूर्णाहुति एवं रामचरितमानस की महाआरती के तत्पश्चात संयोजक पं. राजीव दीवान ने समस्त यज्ञ आचार्यों, प्रवचनकर्ताओं एवं दूर-दूर से आए साधु संतों का, आयोजन में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग करने वालों का सम्मान किया। इसके बाद भंडारा आयोजित किया जिसमें दर्जनों गांवों के निवासियों ने प्रसाद ग्रहण किया। समापन अवसर पर महावीर दास जी ब्रह्मचारी ने ग्राम सोनतलाई के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता उमेश पांडे, राजीव दीवान एवं आयोजन समिति के सभी सदस्यों का धर्मवस्त्र प्रदान कर सम्मान किया।

CATEGORIES
Share This

AUTHORRohit

error: Content is protected !!