रामलीला से प्रारंभ हुआ श्री राम विवाह महोत्सव, 26 पंजीयन हुए

Post by: Rohit Nage

Shri Ram Vivah Mahotsav started with Ramlila, 26 registrations done
  • – 6 दिसंबर को माता सीता का वरण करेंगे प्रभु श्री राम
  • – श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर से जनकपुरी पहुंचेगी बारात

इटारसी। सामाजिक समरसता को बढ़ावा देकर दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को मिटाने श्री देवल मंदिर काली समिति पुरानी इटारसी पिछले 39 सालों से लगातार श्री राम विवाह एवं निश्शुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन कर रही है। रविवार को रामलीला मंचन से महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस साल 26 से ज्यादा पंजीयन समिति कर चुकी है, विवाह से एक दिन पहले तक वर वधुओं के पंजीयन जारी रहेंगे।

आयोजन में अब तक 2500 से ज्यादा युगल फेरे ले चुके हैं। श्री देवल मंदिर काली समिति 40 वें वर्ष में 6 दिसंबर को श्रीराम विवाह और नि:शुल्क सामूहिक विवाह का आयोजन करेगी। इसे लेकर वर-वधुओं के पंजीयन किए जा रहे हैं। साल 1984 में पहली बार राम विवाह एक जोड़े के साथ शुरू हुआ था। राम बोलो इस मंदिर समिति का जयघोष और पहचान है, जहां राम नाम के साथ सारे काम होते हैं। सेवादार जयप्रकाश करिया पटेल ने बताया कि देवल मंदिर के महंत ब्रह्मलीन दामोदर दास और सहारनपुर के महंत ब्रह्मलीन सुंदरदास जी रामायणी की प्रेरणा से साल 1984 में पहली बार राम विवाह एक जोड़े से शुरू हुआ, पहली बारात रामजानकी छोटा मंदिर से निकाली गई थी।

दो साल सिर्फ राम विवाह हुए, इसके बाद साधु-संतों की पहल पर एक जोड़े से सामूहिक विवाह की शुरुआत हुई। इस भव्य आयोजन में चित्रकूट, अयोध्या, वृंदावन, ऋषिकेश, ओरछा, सहारनपुर समेत पूरे देश से साधु-संतों, विद्वानों का समागम होता है। द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर से सामूहिक विवाह के दूल्हे राजा के साथ भगवान राम के साथ भव्य बरात जनकपुरी देवल मंदिर पहुंचती है। यहां हिंदू रीति से राम-जानकी के साथ सभी जोड़ों का विवाह कराया जाता है। समिति के सहयोग से सभी जोड़ों को गृहस्थी का सामान, उपहार, कपड़े एवं अन्य सामग्री भेंट की जाती है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का विवाह श्री पंचमी पर हुआ था, इसे विवाह पंचमी भी कहते हैं।

इस वर्ष श्रीराम विवाह महोत्सव एवं नि:शुल्क सामूहिक विवाह उत्सव 6 दिसंबर को होगा। दुल्हन की तरह सज रही जनकपुरी देवल मंदिर को जनकपुरी की तरह सजाया जा रहा है। पूरे परिसर में रंगोली सजाई जाएगी, गोबर लेपन किया जा रहा हैं। पुरानी इटारसी की महिलाएं माता सीता और भगवान श्री राम के विवाह की रस्मों में जुट जाएंगी, रसोई घर में स्वादिष्ट व्यंजन तैयार हो रहे हैं। हाइवे से लेकर मंदिर तक विद्युत साज-सज्जा, रंग रोगन, स्वागत तोरण द्वार लगाए जा रहे हैं। पूरा शहर इस आयोजन का साक्षी बनता है। आयोजन की तैयारियां अंतिम चरणों में हैं।

6 दिसंबर को गोधूलि बेला में श्री द्वारिकाधीश मंदिर से श्री राम जी की बारात पुरानी इटारसी के देवल मंदिर जनकपुरी के लिए प्रस्थान करेगी। भगवान राम की करीब 3 किमी. लंबी बारात में हाथी, घोड़े, बग्गी, दिलदिल घोड़ी, अखाड़े, रामसखियां, बैंड पार्टियां आकर्षण का केंद्र रहती हैं। एक बग्गी में राम दरबार सजाया जाता है, साथ में सभी दूल्हे राजा बारात लेकर जनकपुरी देवल मंदिर बारात लेकर पहुंचते हैं। यहां राजा राम और बारात की अगवानी होती है। मंडप में नवयुगल भगवान राम एवं सीता के साथ एक ही मंडप में फेरे लेते हैं।

इस अनूठे आयोजन में देश भर के अखाड़ों से जुड़े साधु-संत एवं विद्वान शामिल होते हैं। जिले भर के हिन्दू सनातनी परिवार इस आयोजन में सहभागी बनते हैं। गांव-गांव से भंडारे के लिए अनाज एवं दानराशि एकत्र की जाती है। समिति पूरी गृहस्थी का सामान, उपहार एवं जेवरात सभी जोड़ों को भेंट करती है।

यह रहेंगे कार्यक्रम

  • 2 दिसंबर सोमवार रात 9 बजे भजन श्रृंखला 3 दिसंबर मंगलवार रात 8 बजे सुंदरकांड।
  • 4 दिसंबर बुधवार सुबह 9 बजे महिला मंडल द्वारा रामसत्ता
  • 5 दिसंबर गुरूवार सुबह 10 बजे मंडपाच्छादन एवं सत्यनारायण कथा सीताराम कीर्तन
  • 6 दिसंबर शुक्रवार सुबह 9 बजे कन्या भोज एवं भंडारा, शाम 7 बजे आध्यात्मिक प्रवचन, रात 9 बजे देवी जागरण, रात 10 बजे बारात आगमन एवं स्वागत। रात 11 बजे जयमाला एवं प्रीतिभोज, रात 12 बजे पाणिग्रहण संस्कार
  • 7 दिसंबर शनिवार सुबह 7 बजे विदाई समारोह।
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