श्री बूढ़ी माता मंदिर में श्री शतचंडी महायज्ञ सोमवार से, तैयारियों अंतिम दौर में

Rohit Nage

Dr RB Agrawal

इटारसी। शहर के पश्चिम उत्तरी छोर पर 18 वीं शताब्दी में बंजारों के द्वारा स्थापित श्री श्री बूढ़ी माता मंदिर शक्ति धाम में श्री शतचंडी महायज्ञ 30 जनवरी से 5 फरवरी तक होगा। 30 जनवरी को प्रात: काल 9 बजे विशाल शोभायात्रा श्री माता महाकाली दरबार गांधीनगर से प्रारंभ होकर श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर से बालाजी मंदिर होते हुए श्री श्री बूढ़ी माता मंदिर परिसर पहुंचेगी।

सात दिनों तक दोनों समय श्री शतचंडी महायज्ञ होगा जिसमें प्रथम दिन सायंकाल 4 बजे अग्नि प्राकट्य होगा एवं अगले दिन से यज्ञ में आहुति दी जाएगी। श्री श्री बूढ़ी माता मंदिर शक्ति धाम परिसर में इस अवसर पर 7 दिनों तक विशाल मेला भी आयोजित किया जाता है। जिसमें बच्चों के मनोरंजन का विशेष ध्यान रखा जाता है। मंदिर परिसर को रंग रोगन करके नया रूप दिया गया है। दो बड़े बड़े हाल बनाए गए हैं ताकि सत्संग एवं अन्य धार्मिक आयोजन तथा मंगल कार्य यहां पर हो सके। सौर ऊर्जा से यहां बिजली बनाई जाती है। व्यवस्था संचालन के लिए एक सुव्यवस्थित कार्यालय बनाया गया है। सभी देवी देवताओं के मंदिर एक लाइन से बनाए गए हैं। जिसमें राधा कृष्ण, राम दरबार, भगवान भोलेनाथ, गणेश जी के मंदिर प्रमुख है। मुख्य मंदिर श्री श्री बूढ़ी माता का है।

इतिहास के अनुसार बंजारा जाति के समुदाय ने 18 वीं शताब्दी में यहां पर बूढ़ी माता की छोटी सी मढिय़ा बनाई थी। बताया जाता है कि बंजारा जाति के लोग अपनी मेहनत की कमाई का रुपए इसी स्थान पर गड़ाते थे। बूढ़ी माता मंदिर के पीछे की दीवाल पर आज भी श्रद्धालु सिक्के चिपकाते हैं। जिस का सिक्का चिपक गया, समझ लो उसकी मनोकामना पूरी हो गई। आज से लगभग 45 साल पहले स्वर्गीय शालिग्राम पगारे, स्वर्गीय जंगलूप्रसाद भावसार, स्वर्गीय नरेंद्र पगारे ने कढ़ाई के प्रसाद और यज्ञ से यह आयोजन प्रारंभ किया था। लेकिन बाद में निरंतर यज्ञ का आयोजन स्वर्गीय जंगलु प्रसाद भावसार ने निरंतर इस यज्ञ को जीवन पर्यंत जारी रखा और उनके देवलोक गमन के बाद आयोजन निरंतर रूप से आज भी जारी है।

माता महाकाली दरबार का कार्य अब उनके पुत्र कालिदास भावसार देखते हैं। जहां से प्रतिवर्ष कलश यात्रा प्रारंभ होती है बाद के वर्षों में घासीराम मालवीय, भैरव प्रसाद चौरसिया, स्वर्गीय बृजमोहन सोनी, स्वर्गीय नंदकिशोर मालवीय, बम बहादुर निगम, स्वर्गीय हिरजी भाई एवं लीलाधर पठारिया, डॉ सीतासरन शर्मा, जगदीश मालवीय, राजू बत्रा, दीपक अठोत्रा, नरेंद्र पठारिया आदि धर्म प्रिय व्यक्तियों ने यह कार्य संभाला। डॉ शर्मा ने इस मंदिर को लोक न्यास के रूप में परिवर्तित किया और पूरे सम्मान के साथ मंदिर एवं परिसर का नवकरण कराया तथा श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई। आज की स्थिति में जगदीश मालवीय श्री श्री बूढ़ी माता शक्ति धाम के मुख्य कार्यकारी हैं और उन्हीं के द्वारा डॉ शर्मा के मार्गदर्शन में निरंतर मंदिर विकास के कार्य किए जाते हैं। इटारसी की बूढ़ी माता का शतचंडी महायज्ञ पूरे क्षेत्र में पहचाना जाता है तथा धार्मिक आस्था का केंद्र बिंदु है। इस वर्ष भी यह आयोजन पूरे धार्मिक वातावरण के साथ संपन्न होगा।

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