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सिंगल यूज प्लास्टिक क्या हैं जाने 1 जुलाई से कौन-कौन से प्लास्टिक होंगे बैन सम्‍पूर्ण जानकारी…

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सिंगल यूज प्लास्टिक क्या हैं 1 जुलाई से कौन-कौन से प्लास्टिक होंगे बैन, सिंगल यूज़ प्लास्टिक से होने वाले नुकसान,जाने सम्‍पूर्ण जानकारी…

सिंगल यूज प्लास्टिक क्या होता हैं? (What Is Single Use Plastic)

सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज़ प्लास्टिक वह होता हैं जिसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया जाता हैं और इस तहर के प्‍लास्टिक का पुन: नवीनीकरण भी नहीं किया जा सकता हैं। इस तहर के प्‍लास्टिक को नष्‍ट होने में हजारो वर्षो का समय लगता हैं। यह प्लास्टिक या तो मिट्टी में दफन हो जाते हैं। या पानी में बह जाते हैं और कई सालो के बाद यह छोटे कणों में के रूप में बदल जाते हैं।

छोटे कणो में बदलने की इस प्रक्रिया से यह प्लास्टिक जहरीले रसायनों को छोड़ते हैं जो हमारे भोजन और पानी के ज़रिए हमारे शरीर के अंदर आ जाते हैं। आजकल ऐसे जहरीले रसायन हमारे रक्त प्रवाह में पाए जा रहे हैं जो कैंसर, जन्म दोष, जैसी कई अन्य बीमारियों का कारण बन रहे हैं। जो मानव जीवन के लिए बहुत ही हानिकारक हैं।

प्लास्टिक की खोज कब और किसने की (Who Discovered Plastic And When)

सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज प्लास्टिक की खोज अलेक्जेंडर पार्क्स ने वर्ष 1862 में  की थी और लंदन की महान अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में इसका प्रदर्शन किया था। दुनिया का पहला पूरी तरह से सिंथेटिक प्लास्टिक का आविष्कार 1907 में लियो बेकलैंड द्वारा किया गया था।

1 जुलाई 2022 से कौन से प्लास्टिक पर लगाया जाएगा बैन (Which Plastics Will Be Banned From July 1, 2022)

सिंगल यूज प्लास्टिक

प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं की खरीद, बिक्री, मैन्युफैक्चरिंग पर रोक का आदेश जारी किया हैं। इसके अलावा सरकार ने पॉलीथीन बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 120 माइक्रोन तक कर दी हैं। हालांकि, मोटाई संबंधित नियम 30 सितंबर से शुरू होकर दो चरणों में लागू किया जाएगा।

अभी सिर्फ देश में 50 माइक्रॉन से कम के पॉलीथीन बैग पर बैन हैं। नए नियमों के अनुसार 31 दिसंबर से 75 माइक्रोन से कम मोटाई के पॉलीथीन बैग और 120 माइक्रोन से कम के बैग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

 केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इन वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की हैं।

  • गुब्बारे की छड़ें
  • सिगरेट पैकिट
  • प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे सहित कटलरी आइटम
  • मीठाई के डब्बे
  • कैंडी और आइसक्रीम स्टिक
  • निमंत्रण कार्ड
  • सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन
  • प्लास्टिक के झंडे
  • थर्मोकोल
  • 100 माइक्रोन से कम माप वाले पीवीसी बैनर

सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग अब पडेगा भारी हो सकती हैं जेल यह भी देखें…

सिंगल यूज़ प्लास्टिक से होने वाले नुकसान (Disadvantages of Single Use Plastic)

सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज़ प्लास्टिक बहुत जहरीले केमिकल्स से मिलकर बने होते हैं। हो हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण को बहुत हानि पहुंचाते हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक बनाने में जायलेन, इथिलेन ऑक्साइड और बेंजेन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल होता हैं। इन केमिकल्स से बहुत सी बीमारियां और विभिन्न प्रकार के डिसॉडर्स पाए जाते हैं।

प्लास्टिक में मौजूद केमिकल पर्यावरण के लिए भी बेहद हानिकारक होते हैं। जिससे इंसान, जानवरों, पौधों और सभी को नुकसान पहुचातें हैं। अरबों पाउंड प्लास्टिक आज भी समुद्रों में पड़ा हुआ हैं।

प्लास्टिक कचरा जाता कहां हैं (Where Does Plastic Waste Go)

सिंगल यूज प्लास्टिक

सभी देशों में प्लास्टिक का इस्तेमाल इतना ज्‍यादा होता हैं कि वर्तमान में प्लास्टिक के रूप में निकलने वाला कचरा विश्व पर्यावरण विद्वानों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों बन चुका हैं। ऐसे कचरे को जमीन में भी दबा दिया जाता हैं। जमीन में दबा यह कचरा पानी के स्त्रोतों को प्रदूषित कर हमारे जीवन के लिए बड़े खतरे के रूप में सामने आता हैं। इस कचरे की रिसायकलिंग बेहद जरूरी हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए क्या तरीके अपनाए जा रहे हैं (What Are The Methods Being Adopted To Stop Plastic Pollution)

सिंगल यूज प्लास्टिक

भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थलो, राष्ट्रीय संपदाओ, जंगलों और समुद्री तटों पर साफ-सफाई के अभियान लगातार आरम्भ किये जा रहे हैं। ताकि प्लास्टिक और कूड़े को हटाया जा सके साथ ही पर्यटन मंत्रालय ने सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होने वाले प्लास्टिक ढेर को समाप्त करने के लिए प्रण लिया हैं। प्‍लास्टिक कचरे को नष्‍ट करने में प्रत्‍येक राज्‍य की नगर पालिका, राज्य प्रशासन और आम जनता अपना महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं।

कितनी खतरनाक हैं सिंगल यूज़ प्लास्टिक (How Dangerous)

सिंगल यूज प्लास्टिक

  • दुनिया भर में हर मिनट करीब 10 लाख लोग प्लास्टिक की बोतल खरीदते हैं।
  • जितनी प्लास्टिक इस्तेमाल होती हैं उसका 91 फीसदी रिसाइकल नहीं होता।
  • हर साल दुनिया भर में करीब 40 हजार करोड़ प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल होता हैं। उनमें से सिर्फ 1 फीसदी थैलियों की रिसाइक्लिंग होती हैं।
  • हर दिन दुनिया भर में करीब 5 लाख स्ट्रॉ का इस्तेमाल होता हैं।
  • हर दिन करीब 500 अरब प्लास्टिक के प्याले का इस्तेमाल होता हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष करीब 11 लाख समुद्री पक्षियों और जानवरों की प्लास्टिक की वजह से मौत होती हैं। इसके अलावा 90 फीसदी पक्षियों और मछलियों के पेट में प्लास्टिक पाई गई। प्लास्टिक छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर समुद्र के अंदर रहती हैं। जब समुद्र के अंदर भोजन की तलाश में मछलियां और अन्य समुद्री जानवर जाते हैं तो वे गलती से इसका सेवन कर जाते हैं।  करीब 700 समुद्री जीव प्लास्टिक प्रदूषण के कारण लुप्त होने की कगार पर हैं।

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