होशंगाबाद। सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या का बेहद खास महत्व माना जाता है, बता दें कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या आती है और अगर यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ जाय तो इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavashya) कहा जाता है। पंडित शुभम दुबे ने की चैत्र महीने में सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल 2021 को है, साल 2021 की सबसे खास बात यह है कि साल 2021 में केवल एक ही सोमवती अमावस्या पड़ेगी, जिसकी वजह से इस सोमवती अमावस्या का महत्व और अधिक हो गया है, हमारे धर्म शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के दिन किए गए दान का विशेष महत्व माना गया है, ऐसी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से घर में सुख-शांति और खुशहाली आती है।
सोमवती अमावस्या की शुरुआत-
11 अप्रैल 2021, दिन रविवार को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से.
सोमवती अमावस्या की समाप्ति-
12 अप्रैल 2021, दिन सोमवार को सुबह 8:०० बजे तक।
सोमवती अमावस्या का महत्व
पुराणों के मुताबिक सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान करने की परंपरा है, सोमवती अमावस्या के दिन वैसे को गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है लेकिन यदि गंगा स्नान न हो सके तो किसी भी नदी में स्नान कर शिव-पार्वती और तुलसीजी पूजा करना चाहिए, इस दिन शिव-पार्वती और तुलसीजी की पूजा करना लाभदायक माना गया है।
सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं:-
ऐसी भी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने और पितरों के निमित्त दान करने से पूरे परिवार के ऊपर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है, यदि किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृदोष है तो सोमवती अमावस्या का दिन कुंडली के पितृदोष निवारण का बहुत उत्तम दिन माना गया है।