गणतंत्र की बेला में पंकज पटेरिया से बातचीत :
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र के प्रिय विधायक डॉक्टर सीतासरण शर्मा से गणतंत्र की पूर्व बेला में पंकज पटेरिया ने बातचीत की। प्रस्तुत है संपादित अंश।
प्रश्न : डॉ साहब आप भाजपा के इतने वरिष्ठ नेता,सर्वप्रिय पूर्व विधान सभा अध्यक्ष नर्मदापुरम विधानसभा क्षेत्र के बेहद लोकप्रिय विधायक है। पार्टी नेतृत्व के प्रति प्राण प्रण से समर्पित है। जिस भी भूमिका में आप रहे,आप जनोन्मुखी रहे। आप के तेवर ,मिजाज एक सा रहा। पार्टी में आप सदा विनम्र, अनुशासित सामान्य नेतृत्व के प्रति एक निष्ट सदस्य की तरह रहे।
डॉ साहब- आपके इस प्रश्न के उत्तर में विनम्रता से इतना ही कहूंगा कि नदी बने रहने में परम सुख मिलता है। पहाड़ जैसे तने रहने में नहीं। भाई साहब हम नर्मदापुरम वासी है मैया के आशीर्वाद से घर परिवार से जो संस्कार घुटी में मिले वही चेतना में है। फिर हम एक परिवार है। भाजपा का सीधा निहित अर्थ है ठेठ भारतीय जनता का परिवार। लिहाजा सब बराबर सुखदुख के साथी न कोई छोटा न कोई बड़ा। आज हमारे विश्वप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की चतुर्दिक जय जयकार हो रही है, तो उसके पीछे वही वासुदेव कुटुम्बकम की ही अवधारणा है। भाजपा के आधारस्तम्भ शिखर पुरुष कीर्ति शेष सुकवि आदरणीय अटल बिहारी वाजपेई जी ने अपनी एक कविता में यही प्रभु से प्रार्थना की है – प्रभु मुझे इतनी ऊंचाई मत देना, गैरों को गले लगा न सकू इतनी रुखाई मत देना। पूज्य कक्का जी ने भी यही सिखाया है। बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंछी को छाया नहीं फल लगे अति दूर। लिहाजा भाई साहब हमें तो नीचे की डूबा रहना भाता है।
मेरा मानना है सेवा का अवसर प्रभु ने दिया है तो रामराज के सन्मार्ग पर चलते हुए जनता जनार्दन की सेवा करना ही समय का तकाजा है।
हमारे प्रेरणा पुरुष ऊर्जस्वी माननीय प्रधान मंत्री जी है। आप हम सभी की जवाबदारी देश हित में बस काम को ही एक लक्ष्य मान कर आगे बढ़ते रहने की है। आपके अंतिम प्रश्न के उतर में विनम्रता से सभी से यही आग्रह करना चाहता हूं। जय हिंद जय भारत
नर्मदे हर