सुरंग बनाने में अत्याधुनिक सामग्री का हो रहा उपयोग
इटारसी। भोपाल और इटारसी के मध्य तीसरी रेलवे लाइन पर ट्रेन जब गुजरेगी तो विंध्याचल पर्वत श्रंखलाओं से गुजरने के वक्त पांच सुरंगों में से होकर निकलना पड़ेगा। बरखेड़ा से बुदनी के मध्य घाट सेक्सन पर पांच सुरंग बनायी जा रही हैं, जिनमें अत्याधुनिक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। वाटर प्रूफिंग मेमरेंन, पीसीसी, नोफाइन कांक्रीट, आरसीसी आदि सामग्री इस्तेमाल किया जा रहा है। टनल -1 की विशेषता यह है कि ये सबसे लंबी 1080 मीटर की है। यहां इनवर्ट सफाई एवं आरसीसी का कार्य अंतिम चरण की ओर है। सभी टनलों में सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य टनल-5 की 530 मीटर का निर्माण कार्य जिसमें 500 मीटर के तीव्र गोलाई का कार्य में बेहतर मापांकन और 14.4 मीटर चौड़ीकरण का कार्य बिना किसी त्रुटि के पूर्ण करने में सफलता मिली है।
रेलवे पीआरओ द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार टनल नंबर पांच में एक वन्यजीव अभ्यारण्य है जिसमें पर्यावरण संरक्षण के नियमों का पालन किया जा रहा है। इसका ज्यादातर निर्माण कार्य पिछले तीन महीने में मानसून और लॉकडाउन अवधि के बावजूद सभी सुरक्षा मानदंडों के साथ सफलतापूर्वक पूर्ण किया है। वर्तमान में टनल-5 में इनवर्ट सफाई एवं आरसीसी का कार्य प्रगति पर होते हुए अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। पश्चिम मध्य रेल में तीसरी लाइन के निर्माण कार्य के अंर्तगत 05 टनलों का कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण करना प्रस्तावित है। भोपाल से इटारसी रेलखंड पर 233 किमी की तीसरी लाइन का संपूर्ण निर्माण कार्य जून 2022 तक पूर्ण हो जाएगा। बीना से इटारसी तक तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर इस रेलखण्ड के जीटी रूट पर कार्य पूर्ण करने वाला पमरे पहला जोन बन जायेगा। इस तीसरी रेल लाइन के चालू हो जाने से गाड़ियों की गति बढ़ने के साथ ही क्षेत्र की प्रगति होगी।
निर्माण कार्य में तेजी आयी
ट्रेक की क्षमता में वृद्धि हेतु भोपाल-इटारसी रेलखण्ड पर तीसरी लाइन के निर्माण कार्य में तेजी आयी है। तीसरी लाइन के निर्माण कार्य में हबीबगंज-बरखेड़ा (41.42 किमी), बरखेड़ा-बुदनी (26.5 किमी) एवं बुदनी-इटारसी (25 किमी) का कार्य रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया जा रहा है। हबीबगंज से बरखेड़ा और बुदनी से इटारसी के मध्य तीसरी लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा बरखेड़ा से बुदनी का निर्माण कार्य प्रगतिशील है। इस कार्य में बरखेड़ा से बुदनी (घाट सेक्शन) तीसरी लाइन के कार्य में 05 टनलों का निर्माण किया जा रहा है। यह क्षेत्र इको सेंसटिव जोन के अंतर्गत आता है इसलिए यहां का निर्माण कार्य बहुत ही गंभीरता से किया जा रहा है ताकि वन्यजीवों का संतुलन बना रहे।
पांच टनल पर एक नजर
– टनल -1 की कुल लंबाई 1080 मीटर।
– टनल-2 की कुल लंबाई 200 मीटर।
– टनल-3 की कुल लम्बाई 200 मीटर।
– टनल-4 की कुल लम्बाई 140 मीटर।