राष्ट्रीय खेल दिवस 2022 : National Sports Day
राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय खेल दिवस कब आरंभ हुआ, राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्त्व, अर्जुन पुरस्कार क्या है, द्रोणाचार्य पुरस्कार क्या है, राजीव गांधी खेल रत्न क्या है जाने सम्‍पूर्ण जानकारी 

राष्ट्रीय खेल दिवस 2022 : National Sports Day

राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है, राष्ट्रीय खेल दिवस कब आरंभ हुआ, राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्त्व, अर्जुन पुरस्कार क्या है, द्रोणाचार्य पुरस्कार क्या है, राजीव गांधी खेल रत्न क्या है जाने सम्‍पूर्ण जानकारी 

राष्ट्रीय खेल दिवस कब आरंभ हुआ (When Did The National Sports Day Start)

हॉकी के जादूगर मेजर ध्‍यानचंद्र के जन्मदिवस पर उनके सम्मान के लिए प्रतिवर्ष 29 अगस्‍त को राष्‍ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। राष्‍ट्रीय खेल दिवस की शुरूआत वर्ष 2012 मे हुई तभी से प्रतिवर्ष खेल दिवस का आयोजन पूरे देश मे किया जाता आ रहा हैं। इस दिन स्कूलों कॉलेजों आदि में विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है (Why is National Sports Day Celebrated)

मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस के दिन राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता हैं राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का कारण देश के युवा/युवतियों को खेल के प्रति प्रोत्‍साहित करना एवं खिलाड़ियों को सम्मान देना है। इसके अलावा प्रतिवर्ष राष्‍ट्रीय खेल दिवस मनाने से लोग को खेल के प्रति जागरूक किया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस का महत्त्व (Importance of National Sports Day) 

इस दिन खेल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वालो को भारत के राष्ट्रपति द्वारा खेल अवार्ड से सम्मानित किया जाता हैं जिनमें मेजर ध्यानचंद पुरूस्‍कार, द्रोणाचार्य पुरुस्कार, तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार शामिल हैं। साथ ही खिलाडियों के कोच को भी सम्मानित किया जाता हैं।

भारत और विश्व के प्रमुख खेलों के नाम (Names of Major Sports of India and World)

ऐसे तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय में विभिन्न प्रकार के खेले जाते है। इनमें से कुछ प्रमुख खेल भी है जैसे क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल, कबड्डी, टेबल टेनिस, खो-खो, गॉल्फ़, बिलियर्ड्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फ़ॉर्मूला वन रेस, तैराकी, शतरंज आदि पुरे दुनिया भर में अधिक खेले जाने वाला खेल हैं।

खेल से लाभ (Benefits of Sports in hindi)

हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हमें प्रति दिन कम से कम 30 मिनिट कोई भी खेल खेलना चाहिए। इससे हमारे हड्डिया मजबूत एवं रक्त का संचार उचित रूप से होता है। साथ ही खेल से हमारे पाचन तंत्र पूर्ण रूप से कार्य करता है खेल एक ऐसा व्यायाम है जिससे हमारे दिमागी स्तर का विकास होता है और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है खेल से हमारा अन्‍दर का आलस्य को दूर होता हैं और एक नई उर्जा प्राप्‍त होती हैं।

अर्जुन पुरस्कार (Arjuna Award) 

राष्ट्रीय खेल दिवस

राष्ट्रपति के द्वारा वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए अर्जुन पुरस्कार प्रदान किया जाता है। अर्जुन पुरस्कार का चयन खिलाडियों के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन को देखकर किया जाता हैं। इस पुरस्कार को देने का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों को खेलकूद के प्रति और उत्साहित और सम्मानित करना है।

अर्जुन पुरस्कार पुरस्कार विजेता को अर्जुन की कांस्य प्रतिमा, पारंपरिक पोशाक, एक प्रशस्ति पत्र और 15 लाख रुपये नकद प्रदान किये जाते है। इससे पहले खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती थी। हर साल यह पुरूस्‍कार 5 खिलाडियों को दिया जाता है।

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द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award)

राष्ट्रीय खेल दिवस

द्रोणाचार्य पुरस्कार को खिलाड़ी प्रशिक्षण देने वाले कोच को दिया जाता है। जिस टीम का प्रदर्शन अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अच्छा रहता हैं उनके कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार मे कोच को एक कांस्य की प्रतिमा, औपचारिक पोशाक, प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपये नगद प्रदान किये जाते है। इससे पहले में यह राशि 07 लाख 50 हजार रुपए प्रदान की जाती थी।

राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna)

राष्ट्रीय खेल दिवस

भारत का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न’है। इस अवार्ड का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री ‘श्री राजीव गांधी’ जी के नाम पर रखा गया है। इस पुरस्कार के लिए खिलाड़ी का चुनाव प्रतिवर्ष खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति द्वारा किया जाता है। खिलाड़ी का चयन उसके 4 साल के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय प्रदर्शन को देख कर किया जाता हैं।

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मे एक पदक, एक प्रशस्ति पत्र और 25 लाख रुपए नगद राशि प्रदान की जाती है, इससे पूर्व में यह राशि 7.5 लाख रुपए प्रदान की जाती थी।

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