इटारसी। जीवन में मित्रता का संबंध सभी संबंधों से बड़ा और महत्वपूर्ण होता है, इसमें कपटता नहीं होना चाहिए। यह बात आचार्य रमेश दुबे ने तवा कॉलोनी पुरानी इटारसी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस में कही।
शारदा बाई मुंशीलाल गोस्वामी की स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य दुबे ने सुदामा प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन करते हुए मित्रता और कपटता को समझाया। उन्होंने कहा कि यह प्रसंग मानव जीवन में यह संदेश देता है कि मित्रता में कभी कपटता नहीं होना चाहिए। इस प्रकार कर्मयोगी भगवान श्रीकृष्ण ने अपने लीला अवतार में मानव जीवन को सफलतापूर्वक व्यतीत करने के अनेक उपाय लीलाओं के माध्यम से बताए हैं जो श्रीमद्भागवतजी को भावपूर्ण आत्मसात करने पर ही प्राप्त होते हैं।
गोस्वामी गार्डन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के विश्राम दिवस पर संयोजक सुरेश गोस्वामी, आयोजन समिति प्रमुख नरेश चौहान के साथ ही समिति के सभी सदस्यों एवं दोनों यजवानों ने प्रवचनकर्ता रमेश दुबे एवं सभी विप्रजनों व संगीतज्ञों का उपस्थित श्रोताओं की ओर से सम्मान किया।
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मित्रता सबसे बड़ा संबंध इसमें कपटता उचित नहीं: दुबे

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