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श्रीमद् भागवत कथा के दौरान गिरिराज जी एवं गोवर्धन पर्वत की झांकी सजाई

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इटारसी। विजयासन देवी दरबार समिति, सरस्वती सेवा समिति एवं गृह लक्ष्मी महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि नगर में श्रीमद भागवत सत्संग सप्ताह की पंचम दिवस की कथा में कथावाचक आचार्य योगेन्द्र वल्लभ ने कथा को विस्तार देते हुए बताया कि बालक कृष्ण को मारने के लिये कंस ने पूतना राक्षसी को भेजा जिसे भगवान बालकृष्ण ने अपनी मां की सी गति प्रदान की। अर्थात संसार में रहने के बाद अंत समय में शरीर छोड़ने पर जो गति मैया यशोदा को बाद में प्राप्त होगी, वह गति पूतना को पहले ही प्रदान की।

शकटासुर और तृणावर्त नामक दैत्यों का उध्दार और भगवान के नामकरण का प्रसंग विस्तार से वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण ने बचपन में जो लीलाएं की जैंसे माखन चोरी लीला, गऊ चारण आदि लीलाओं को श्रवण कराया। गोकुल से भगवान वृन्दावन पधारे, वहां भगवान ने वत्सासुर, बकासुर और अघासुर नामक राक्षसों का अंत किया। एक बार श्री ब्रह्मा जी ने भगवान के सखा एवं गाय बछड़ों का हरण कर लिया, भगवान ने ब्रह्मलोक जाकर उन्हें स्वतंत्र कराया और ब्रह्मा जी का मोह भंग किया, ब्रह्मा जी ने भगवान श्री कृष्ण की बहुत स्तुति की परंतु भगवान ने ब्रह्मा जी को क्षमा नहीं किया। कंस का भेजा हुआ धेनुकासुर नामक एक देत्य भगवान को मारने आया, भगवान ने उसका उद्धार कर दिया। गेंद खेलने के बहाने भगवान श्री कृष्ण ने यमुना में कूद कर अपने मित्र ग्वाल सखाओं की रक्षा की और यमुना जी को कालिया नाग के विष से मुक्त किया।

प्रलम्बासुर नामक दैत्य का वध किया। एक बार पूरे बृज मंडल में आग लग गई, भगवान ने दावाग्नि का पान करके बृजमंडल की रक्षा की। इसके पश्चात वर्षा ऋतु का वर्णन तथा वेणु गीत का वर्णन किया। चीर हरण की लीला का वास्तविक अर्थ समझाया और गोवर्धन लीला की कथा को विस्तार से सुनाया। पांचवें दिन की कथा के समापन पर शाम को भगवान गिरिराज को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। भगवान गिरिराज की आरती के पश्चात वही प्रसाद श्रोताओं में वितरित किया गया। कथा स्थल पर गिरिराज जी एवं गोवर्धन पर्वत की सुन्दर झांकी सजाई गयी थी। जिसे देखने के लिए कथा स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गृहलक्ष्मी महिला मंडल की सदस्य मेघा दुबे, राखी दुबे, निशा दुबे, सुनीता दुबे, तनुश्री, आस्था आदि के द्वारा व्यास गादी का पूजन कर कथा व्यास आचार्य योगेन्द्र वल्लभ महाराज का आर्शीवाद प्राप्त किया गया।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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