मंदिर बना नहीं, प्रतिमा विस्थापन के लिए दे दिया समिति को पत्र

Post by: Rohit Nage

  • मंदिर समिति के सदस्य नोटिस मिलने से हैं नाराज
  • मंदिर में निर्माण कार्य करीब 70 फीसद ही हुआ है
  • कंपनी खुद एक ठेकेदार से यह कार्य करा रही है
  • विभाग ने बिना स्थल निरीक्षण पूर्ण मान लिया कार्य

इटारसी। मध्यप्रदेश राज्य राष्ट्रीय राजमार्ग 69- पर केसला में रोड के बीच आ रहे मंदिर का विस्थापन किया जा रहा है। इसके लिए मंदिर समिति की सहमति से ठेका कंपनी नया मंदिर का निर्माण ठेकेदार से करा रही है। अभी मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ नहीं, एनएचएआई ने समिति को प्रतिमा विस्थापन का पत्र दे दिया और निर्देश दिये कि 23 मार्च को प्रतिमा विस्थापन कर लें। समिति के सदस्यों ने बिना स्थल निरीक्षण किये, इस तरह के आदेशों से नाराजी व्यक्त की है।

गौरतलब है कि इटारसी-बैतूल खंड के किलोमीटर 63.000 से किमी 137.000 (डिजाइन लंबाई 73.955 किमी) का चार लेन निर्माण कार्य के बीच ग्राम केसला अनुभाग इटारसी में बजरंगवली और शंकरजी का मंदिर आ रहा है। इस मंदिर को समिति की सहमति से विस्थापन किया जाना है और ठेका कंपनी मेसर्स लॉन्गजियान-जितेन्द्र सिंह पुणे को सड़क निर्माण कार्य करने 22 फरवरी 2018 से नियुक्त किया है। कंपनी का कहना है कि सड़क का काम लगभग पूर्ण हो चुका है, किन्तु ग्राम केसला अनुभाग इटारसी, जिला होशंगाबाद में स्थित बजरंगवली एवं शंकरजी के मंदिर विस्थापन का कार्य किया जाना शेष है, इससे कार्य प्रभावित हो रहा है।

बैठक में यह तय किया था

परियोजना निर्देशक एमएल पुरविया ने 30 जनवरी 2020 को संबंधित ठेकेदार और मंदिर समिति के सदस्यों के साथ बैठक करके तय किया था कि तीनों मंदिर के स्थान पर मंदिर का निर्माण कंपनी करके देगी, इसके बाद मूर्तियों का विस्थापन किया जाएगा। ग्राम केसला में प्रस्तावित मंदिर के निर्माण हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विभाग द्वारा प्रदाय की गई भूमि पर एक मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण किया जा चुका है, दो गर्भग्रह में से एक का निर्माण भी किया जा चुका है, अत: नवीन मंदिर में मूर्तियों का विस्थापन कार्य किया जाना है। विभाग ने मंदिर में नोटिस चस्पा कर दिया कि उक्त मंदिरों की मूर्तियों को नवीन मंदिर के गर्भग्रह में विस्थापन कार्य 23 मार्च को पूर्ण कराया जाए।

मंदिर समिति ने दिया है पत्र

श्री रामायण मंडल, हनुमानधाम वेलफेयर सोसायटी केसला के सदस्य इस नोटिस के बाद दो बार एसडीएम से मिलने इटारसी आये, लेकिन दोनों बार मुलाकात नहीं हो सकी तो एसडीएम कार्यालय के बाबू को पत्र देकर गये हैं। पत्र में कहा है कि मंदिर का निर्माण अभी 40 फीसद बाकी है, जो कार्य हो रहा है, वह भी गुणवत्ताहीन है, समिति कई बार आपत्ति दर्ज करा चुकी है, विवाद भी हुए। अब 20 मार्च को नोटिस चस्पा करके 23 मार्च को मूर्ति को हटा दिया जाएगा, यह कहा जा रहा है।

इनका कहना है…

यह सही है कि मंदिर का कुछ कार्य होना रह गया है, हमें 30 तक काम पूरा होने के लिए ठेकेदार ने आश्वस्त किया है, इसलिए डेट को आगे बढ़ाकर 30 मार्च कर दिया है। 30 मार्च को काम पूरा होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाएगी।

मदन सिंह रघुवंशी, एसडीओ राजस्व

मंदिर निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है, मंदिर पर 20 मार्च को नोटिस चस्पा कर दिया। यदि हठधर्मिता और बलपूर्वक ऐसा कार्य होता है तो क्षेत्र के नागरिक इसका घोर विरोध करेंगे। केवल मंदिर ही फोरलेन निर्माण में बाधक नहीं, कई सारे कार्य अधूरे हैं, मंदिर के विस्थापन में जल्दबाजी उचित नहीं है।

जगदीश सोनी, अध्यक्ष मंदिर समिति

प्रशासन को संपूर्ण मामले में सहानुभूतिपूर्वक विचार करके नव निर्मित मंदिर की गुणवत्ता की जांच कराना और मंदिर पूर्ण होने के बाद ही विधिवत मूर्ति की स्थापना कराने का विचार करना चाहिए।

अश्विनी व्यास, सचिव मंदिर समिति

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