- – तीन वर्ष से अधिक होने पर विभाग कर रहा है टेंडर प्रक्रिया
- – बताया जाता है कि अधिक स्पीड के कारण पलट गई थी कार
इटारसी। बारिश के बाद बने रोड पर गड्ढों के कारण दुर्घटना हो रही हैं। धन्यवाद तिराहे और तवानगर के बीच कुछ स्थानों पर गड्ढे हो जाने से दो दुर्घटनाएं हुईं। अच्छी बात यह रही कि दोनों में कोई जनहानि नहीं हुई है। तेज स्पीड वाहन इन गड्ढों में जाकर अनियंत्रित हो रहे हैं और दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। बारिश के बाद सिंचाई विभाग को इस रोड की मरम्मत की ओर ध्यान देना चाहिए। हालांकि विभागीय अधिकारी बताते हैं कि रोड को बने तीन साल से अधिक समय हो रहा है, इसके लिए टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
बता दें कि इस एक सप्ताह में इस रोड पर दो दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। दोनों ही दुर्घटना में लोग बाल-बाल बचे हैं। बारिश के बाद रोड की हालत खराब हो जाने पर वाहन चालकों को भी अपनी जान की खातिर यहां संभलकर चलना चाहिए।
गड्ढे बन रहे वजह
गौरतलब है कि एक सप्ताह में तवानगर और धन्यवाद तिराहे के बीच दो दुर्घटनाएं हुई हैं। एक्सीडेंट में कोई जनहानि तो नहीं हुई मगर दोनों गाडिय़ों का काफी नुकसान हुआ है। बीती रात को भी एक गाड़ी का चालक गड्ढे बचाने के चक्कर में दुर्घटना का शिकार हो गया और गाड़ी को पेड़ से बचाने के प्रयास में रोड से नीचे उतार दिया, जो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी। लोगों की मदद से गाड़ी को बाहर निकाला गया। तवानगर के निवासियों ने जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों से निवेदन किया है कि इस ओर अपना ध्यान आकर्षित करें, जिससे कि भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना ना हो सके।
झाडिय़ां भी हैं परेशानी का सबब
बारिश के दौर में रोड के दोनों ओर जंगल में बड़ी-बड़ी झाडिय़ां उग आयी हैं। ये भी परेशानी का सबब बन रही हैं। दरअसल, वाहन चालक को इन झाडिय़ों के कारण भी परेशानी हो रही है जिससे मोड़ पर सामने से आ रहे वाहन दिखाई नहीं देते हैं। तवानगर की रोड बने तीन साल हुए और रोड की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है, इसमें सुधार कार्य होना अत्यंत जरूरी है।
इनका कहना है….
तवानगर रोड को बने तीन वर्ष हो गये हैं, स्थिति बड़ी दयनीय हो गयी है। इसमें जल्द से जल्द सुधार कार्य होना चाहिए, क्योंकि रोड के गड्ढों से दुर्घटनाएं हो रही हैं।
भूपेश साहू, अधिवक्ता
यह सही है कि रोड को बने तीन वर्ष का समय हो गया है। इसके लिए टेंडर निकाला जाना है, जो जल्द ही किया जाएगा। लोगों से आग्रह है कि नियंत्रित गति में ही वाहन चलाएं, फिलहाल नहर के मजदूरों से गड्ढे भरवा रहे हैं।
एनके सूर्यवंशी, एसडीओ जलसंसाधन विभाग