भारत की ही संस्कृति सर्वहित, सर्वकल्याण की भावना से युक्त

भारत की ही संस्कृति सर्वहित, सर्वकल्याण की भावना से युक्त

इटारसी। शासकीय एमजीएम कालेज (Government MGM College) में आज आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Festival of Independence) के अन्तर्गत व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र, प्राध्यापक, शासकीय नर्मदा स्नातकोत्तर महाविद्यालय (Government Narmada Postgraduate College) ने भारत बोध (Bharat Bodh) विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ मिश्र ने प्रस्तुत विषय पर भारत के भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक गौरव से छात्रों को अवगत कराते हुए बताया कि भारत की ही एकमात्र ऐसी संस्कृति है, जो सर्वहित, सर्वकल्याण की भावना से युक्त है तथा प्राचीन तथा वर्तमान के अनेक उद्धरणों के द्वारा भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। प्राचार्या डॉ. राकेश मेहता ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत की शिक्षा पद्धति में सुधार की आवश्यकता है जो चरित्र के निर्माण के उद्देश्य से युक्त हो। उन्होंने गुरू शिष्य परंपरा को जीवन्त करने पर बल दिया। उन्होंंने कहा कि भारत बोध के लिए भारत का होना तथा भारत के लिए करना जरूरी है।
संचालन डॉ.संतोष कुमार अहिरवार तथा आभार प्रदर्शन डॉ. ओपी शर्मा ने किया। महाविद्यालय के डॉ अरविंद शर्मा, डॉ रश्मि तिवारी, डॉ पीके अग्रवाल, डॉ अर्चना शर्मा, डॉ मुकेश जोठे, डॉ दिनेश कुमार, श्रीमती श्रुति अग्रवाल, श्रीमती मीरा यादव, श्रीमती शालिनी नेमा, प्राध्यापक तथा छात्र उपस्थित रहे।

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AUTHORRohit

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