सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का दिखने लगा असर

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का दिखने लगा असर

– कई दुकानदारों ने बंद कर दिया पॉलिथिन बेग रखना
– सब्जी मंडी और फल बाजार में जागरुकता की जरूरत
– अभी पूरी तरह से बदलाव आने में लग सकता है वक्त
इटारसी। 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक (Single use plastic) पर प्रतिबंध लगा है। नगर पालिका (municipality) की टीम (team) बाजार (market) में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग की जांच करने हर रोज जा रही है, इसके नतीजे सामने आने लगे हैं। अब कई दुकानदारों ने रोज-रोज जुर्माना देने से बचने कागज के पैकेट और कपड़े की थैलियां रखना प्रारंभ कर दिया है, साथ ही ग्राहकों से भी थैला लाने का अनुरोध करने लगे हैं। हालांकि अब भी सब्जी मंडी (vegetable market) और फल बाजार (fruit market) में ऐसी जागरुकता की कमी है। यहां इस पर रोक नहीं लग रही है और धड़ल्ले से पॉलिबैग (polybag) में सामान दिया जा रहा है। टीम के पहुंचने पर दुकानदार इनको छिपा देते हैं।
मुख्य बाजार क्षेत्र में ज्यादातर किराना दुकानों (grocery stores) पर अब पॉलिथिन का प्रयोग धीरे-धीरे बंद होने लगा है। हालांकि पूरी तरह से नहीं, लेकिन कई दुकानदार अब पॉलिथिन (polythene) की जगह कागज के लिफाफे और कपड़े की थैलियां उपयोग करने लगे हैं। जो ग्राहक थैलियां नहीं ला रहे हैं, उनको जागरुक भी कर रहे हैं कि वे थैलियां लाना प्रारंभ कर दें, क्योंकि सरकार ने पॉलिथिन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आज भी नगर पालिका का राजस्व अमला ( revenue staff) जब बाजार में निकला तो करीब दो दर्जन दुकानों में जांच के दौरान पॉलिथिन नहीं मिली, बल्कि दुकानदारों ने स्वयं अपने यहां रखे कागज के लिफाफे और कपड़े की थैलियों के पैकेट दिखाए तथा कहा कि उन्होंने पॉलिथिन रखना बंद कर दिया है और वे ग्राहकों को भी जागरुक कर रहे हैं। बता दें कि बाजार में नगर पालिका कि राजस्व टीम द्वारा लगातार पॉलीथीन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बाजार में दुकानदार ने पोलीथीन का उपयोग बंद कर दिया है कपड़े कि थैली व कागज के लिफाफों का उपयोग कर रहे हैं आजकल वह अपने ग्राहकों से कपड़े का झोला साथ में लेकर आने की कहते हैं। अब देखना है कि शहर में कब तक पॉलिथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगता है। यदि दुकानदार चाह लें तो यह बहुत जल्द संभव है, नागरिकों को भी अपने साथ थैला रखने की आदत डालना होगा, क्योंकि एकतरफा कुछ नहीं होता, वर्षों की आदत बदलने में वक्त लगेगा।

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AUTHORRohit

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