सिर पर पक्की छत की आस थी, आंधी कच्ची छत भी ले उड़ी

सिर पर पक्की छत की आस थी, आंधी कच्ची छत भी ले उड़ी

– तीन-तीन साल से इंतजार कर रहे हैं ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास का
रीतेश राठौर, केसला। सोमवार की शाम से रात तक आंधी का कहर केसला में जमकर बरपा। यहां कई गरीबों के छप्पर आंधी अपने साथ उड़ा ले गयी। प्रशासन के लिए विचारणीय यह है कि इनमें से ज्यादातर ने प्रधानमंत्री आवास के लिए कई प्रयास किये, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। ये प्रधानमंत्री आवास के माध्यम से अपने सिर पर छत की उम्मीद लगाकर बैठे थे, आंधी इनकी छत ही उड़ा ले गयी। मामले में एसडीओ राजस्व का कहना है कि पटवारी सर्वे की रिपोर्ट के बाद पीडि़तों को आरबीसी के अंतर्गत जो भी नियमानुसार मदद का प्रावधान होगा, मदद करायी जाएगी। सोमवार रात्रि को तेज आंधी तूफान के चलते आदिवासी विकास खंड के केसला के ग्राम पंचायत केसला और समीप ही गोमती में किसी के छप्पर से टीन और घास-फूंस की छत उड़ गयी तो किसी की दीवार तेज आंधी और पानी ने गिरा दी।

चौबीस घंटे बिजली नहीं मिली

बारिश आंधी ने बिजली व्यवस्था इस कदर बिगाड़ी कि केसला के लोगों को पूरे चौबीस घंटे बिजली नसीब नहीं हुई। बिजली विभाग ने कल ही दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक मेंटेनेंस के लिए बिजली काटी थी। शाम को 5 बजे बिजली आती, इसके पहले आंधी आ गयी और फिर ग्रामीणों के लिए अगले चौबीस घंटे बिजली सपना ही बनकर रह गयी। आज मंगलवार को दोपहर 1 बजे विद्युत व्यवस्था बहाल हुई है। बिजली अब भी आंख मिचौली का खेल खेल रही है।

खाने-पीने की चीजें भी नहीं बचा सके

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केसला थाने के सामने नारायण राठौर का मकान आंधी तूफान की चपेट में आ गया। घर के टीन शेड उड़ गए, घर की दीवार गिर गई, घरों की दीवारों में दरार आ गई। आंधी तूफान इतनी तेज थी कि पूरा परिवार बाल-बाल बचा, पहनने के कपड़े से लेकर, खाने पीने की चीज तक पानी से नहीं बचा पाए। किसी तरह से परिवार ने रात गुजारी। इनकी पीड़ा है कि इनको आवेदन के बावजूद प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला।

पंचायत से मिला सिर्फ आश्वासन

परिवार के लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के लिए बार-बार पंचायत में मौखिक निवेदन और लिखित आवेदन दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की मुझे बहुत अधिक आवश्यकता है। जवाब में कहा गया इस बार नाम नहीं आया है बाद में आयेगा? परिवार को प्रधानमंत्री आवास में सिर पर एक पक्की छत की दरकार थी, आवास का इंतजार करते-करते दिन कटते रहे और सिर पर मानसून की आमद हो गयी।

चोटिल हुए घर के मुखिया

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सोमवार के तूफान में घर के मुखिया के पांव में चोट आई है। परिवार के लोग डरे हुए हैं, सोचते हैं कि कोई अनहोनी के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा क्या? हालांकि जानकारी मिलने के बाद गांव कोटवार गुलाब, पटवारी शैलेंद्र ने मौके पर पहुंच कर पंचनामा बनाया। सामने बने अशोक तिवारी के घर का टीनशेड उड़ जाने से उनके घर में भी पानी भरा गया। टीम ने उसका भी पंचनामा बनाया है।

इंतजार है, कब मिलेगा आवास

इस आंधी तूफान से कई घर प्रभावित हुए। आसमान की ओर देखकर कल ये लोग दुआ करते रहे कि भगवान प्रधानमंत्री आवास योजना में हमारा नंबर जल्द आ जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना का गांव में कई लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे अनेक ग्रामीणों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है जबकि ऐसे भी कई परिवार हैं जो अपने सिर पर पक्की छत की आस में दो-तीन साल से आवेदन दे रहे हैं।

इनका कहना है…
प्रधानमंत्री आवास में लाभ क्यों नहीं मिला, इसकी जानकारी ली जाएगी। फिलहाल जो भी नुकसान हुआ है, आरबीसी के तहत जो भी सहायता होती है, वह की जाएगी।
एमएस रघुवंशी, एसडीओ राजस्व

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AUTHORRohit

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