ओल नदी से मिली प्रेरणा, मजदूर ने अकेले ही बना दिया बोरी बंधान
पंचायत करेगी सम्मान और देगी प्रोत्साहन राशि
बनखेड़ी। कलगंवा ग्राम में गांव के एक मजदूर ने ओल नदी से प्रेरणा लेकर अकेले ही बोरीबंधान कर दिया। बोरी बंधान के लिए 50 वर्षीय उमाशंकर पटेल (Uma shankar patel) ने मजदूरी भी छोड दी और गांव के नाले पर बोरीबंधान(Bori bandhan) का काम शुरू किया। आठ दिनों में दो सौ बोरी से बंधान बना दिया। अब बहुत बड़े क्षेत्र में लाखों लीटर पानी रुका हुआ है। उमाशंकर पटेल धार्मिक प्रवत्ति के व्यक्ति है और गांव में मजदूरी करते है। उनकी गांव में कोई खेती भी नहीं है। और वो कच्चे घर में रहते है। उसके बाद भी निस्वार्थ भाव से किया गया यह जलसंरक्षण का प्रयास गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ओल नदी से मिली प्रेरणा
उमाशंकर पटेल ने बताया कि वो बनखेडी की ओल नदी मे रोजगार सहायक विनोद पटेल के साथ बोरीबंधान के लिए गए थे । वहां पर बोरी बंधान का कार्यक्रम देखा था | उसको देखकर उन्होंने में भी बोरी बंधान का विचार किया | उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में पशु पक्षियों के लिए पानी मिलता रहेगा | यह सोचकर बंधान बनाया है |
पंचायत करेगी सम्मान करेगी
आर्थिक रूप से कमजोर उमाशंकर पटेल के इस प्रयास का सम्मान अब पंचायत भी करेगी | आगामी राष्ट्रीय पर्व पर उमाशंकर पटेल के इस पवित्र प्रयास का सम्मान करते हुए , प्रोत्साहन राशि के रूप में 21 सौ रुपए और सम्मान पत्र दिया जायेगा |
इनका कहना है
ओल नदी मे पूर्व मे हुए कार्यो से बहुत जनजागरण हुआ था । लेकिन कलगंवा ग्राम मे एक मजदूर का मजदूरी छोडकर अकेले बंधान बना देना । यह समाज के सामने सबसे बडा उदाहरण है । उमाशंकर पटेल ने दशरथ मांझी जैसा प्रयास किया है।
राजकुमार शर्मा, समाजसेवी बनखेडी