इटारसी। नगर पालिका परिषद ने कांग्रेस के बहिष्कार के बीच आज नगर पालिका के स्वामित्व की दुकानों में किराया वृद्धि का प्रस्ताव पारित कर दिया। भाजपा के पार्षदों ने कुछ देर की चर्चा और अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव के समर्थन में दिये तर्कोंे से सहमत होते हुए आखिर इस प्रस्ताव को पारित कर दिया।
तीसरे प्रस्ताव के बाद कांग्रेस पार्षदों ने किया बैठक से बहिर्गमन
इस प्रस्ताव को आसानी से पारित होने में कांग्रेस का बड़ा योगदान रहा, पार्टी के सभी उपस्थित पार्षदों ने इस प्रस्ताव के विरोध में सोशल मीडिया पर तो अच्छा खासा माहौल बनाया था, लेकिन परिषद की बैठक में हमेशा की तरह चर्चा से पूर्व ही पलायन कर गये। हालांकि इसे बहिगर्मन का नाम दिया है, और सभा भवन के बाहर नारेबाजी करते हुए इस प्रस्ताव के विरोध की बात मीडिया के समक्ष कही। यानी जो विरोध बैठक में रहकर करना था, उससे बचते हुए बाहर आकर प्रस्ताव के विरोध का अभिनय ही किया।
नगर पालिका परिषद में कांग्रेस पार्षदों की भूमिका अब भी संदेह के घेरे में ही है। विरोध परिषद के भीतर होना था और तीखा होना था, लेकिन विपक्षी दल की जिम्मेदारी से बचते हुए कांग्रेस ने बाहर आकर केवल हंगामे के मकसद से शोर मचाया, लेकिन इसे शोर का कोई असर परिषद की बैठक पर नहीं पड़ा। बाहर कांग्रेसी पार्षद धरना देकर बैठे रहे, भीतर प्रस्ताव पारित होते गये। बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, उपाध्यक्ष निर्मल सिंह राजपूत, सीएमओ ऋतु मेहरा के अलावा सभी सभापति, पार्षद और नगर पालिका के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
अध्यक्ष ने कहा, कांग्रेसी चर्चा में भाग न लेकर जिम्मेदारी से भागे
कांग्रेस पार्षदों ने तीसरे प्रस्ताव पर ही पलायन कर दिया। ऑफ द रिकार्ड यह बताया कि वरिष्ठों का ही कहना था कि तीसरे प्रस्ताव के बाद बैठक का बहिष्कार करना है। अब पार्टी के वरिष्ठ नेता क्या चाहते हैं, यह तो वे जानें, लेकिन कांग्रेस का यह कदम भाजपा को मुद्दा दे गया। बैठक के दौरान सभापति राकेश जाधव ने कहा कि कांग्रेस विकास के मुद्दों से भाग गयी। प्रस्ताव पर चर्चा नहीं करके जिम्मेदारी से भागी है, वरिष्ठजनों से शायद यही सिखाकर भेजा था। ये लोग विकास का दिखावा करते हैं, वास्तव में ये व्यापारियों, कर्मचारियों और जनता के हितों के पक्षधर कतई नहीं हैं।
अब हर 3 वर्ष में स्वत: ही 20 प्रतिशत बढ़ जाएगा दुकान किराया
दुकान किराया दुकान के बाजार मूल्य का 20 प्रतिशत बढऩा चाहिए, लेकिन हमारे भाजपा के ही पार्षदों के विरोध के कारण निर्णय लिया कि बाजार की दुकानों का 3 रुपए प्रति वर्गफिट प्रतिमाह और न्यास और अन्य क्षेत्रों में 1 रुपए प्रति वर्ग फिट प्रतिमाह का किराया बढ़ाया गया है। इसके अलावा अब प्रति तीन वर्ष में 20 प्रतिशत वृद्धि स्वत: ही होगी। शासन की मंशा है कि नगरीय निकायों का स्वयं की आय ऐसी होना चाहिए ताकि वे दिल्ली और भोपाल पर निर्भर नहीं रहें। यदि ऐसा नहीं होगा तो शासन से मिलने वाला अनुदान नहीं मिलेगा।
सफाई वाला प्रस्ताव भी पारित
प्रस्ताव क्रमांक तीन में नगरीय सीमा क्षेत्र अंतर्गत कचरा संग्रहण (डोर टू डोर कलेक्शन) पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रथम चरण में चिह्नित किये गये वार्ड क्रमांक 32, 31, 11,12,13,14,15,17 एवं 30 के आंशिक भाग के लिए तीन वर्ष के लिए कार्य हेतु 3 करोड़ की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के लिए था। कांग्रेस ने इसका विरोध किया। भाजपा सभापति मनजीत कलोसिया ने भी इसकी जरूरत क्या है, सवाल किया और कहा कि इन वार्डों के कर्मचारी कहां जाएंगे। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उनको अन्य वार्डों में लगाया जाएगा, किसी को काम से बंद नहीं किया जाएगा। यह प्रस्ताव भी कांग्रेस के विरोध के बावजूद पारित हो गया।
सभी प्रस्ताव पारित
इन प्रस्तावों के सहित सभी 19 प्रस्ताव नगर पालिका परिषद ने पारित कर दिये हैं। इनमें खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान, आउटसोर्स पर कर्मचारी रखने, गीता भवन के लिए 10 करोड़ का प्रस्ताव, जिसकी राशि शासन से आएगी, सहित कुछ अन्य निर्माण और विकास से संबंधित थे, सभी को भाजपा पार्षदों ने ध्वनि मत से पारित कर दिये।
कांग्रेस का बहिर्गमन
कांग्रेस पार्षदों ने छटवा प्रस्ताव आने के पूर्व तीसरे प्रस्ताव में ही बहिर्गमन कर दिया। सभा कक्ष के बाहर पार्षदों ने नारेबाजी की और कहा कि मनमानी नहीं चलेगी। इस दौरान जिलाध्यक्ष शिवाकांत पांडेय और नगर अध्यक्ष मयूर जैसवाल सहित अन्य कांग्रेसी भी पहुंच गये। सबने जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस पार्षद सीमा भदौरिया का कहना है कि यदि मनमानी ही करनी है तो हमें क्यों बुलाया जाता है? अमित कापरे ने कहा कि बहुमत में हैं तो विपक्ष की बात को दबाएंगे क्या? हम किराया वृद्धि के विरोध में हैं, कांग्रेस व्यापारियों के साथ है, पार्टी से चर्चा करके चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
अधिकारी भी रहे टारगेट पर
ज्यादातर भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के टारगेट पर सीएमओ ऋतु मेहरा और अन्य अधिकारी रहे। सभी का कहना है कि अधिकारी न तो उनका फोन उठाते हैं और ना ही पत्रों का जवाब दिया जाता है। कांग्रेस पार्षद नारायण सिंह ठाकुर ने तो यहां तक कहा कि अधिकारी पार्षदों को कुछ नहीं समझते, न तो रिटर्न कॉल करते हैं। अधिकारियों को टाइट करें अन्यथा हम धरना देंगे और जरूरत पड़ी तो कार्यालय में तालाबंदी भी करेंगे। सभापति और भाजपा पार्षद नाजिया बेग ने तो अपनी बात कहते हुए यह स्वीकार कर लिया कि वार्ड का सारा काम उनके पति ही करते हैं, उन्होंने कहा कि सीएमओ उनके पति का मोबाइल रिसीव नहीं करती हैं। उनकी बात से जाहिर है, पार्षद पति ही सबकुछ हैं, पार्षद अपनी जिम्मेदारी केवल बैठकों तक ही निभाती हैं।