इटारसी। संपूर्ण परिषद यह मान चुकी है, कि शहर में एक भी होर्डिंग को अनुमति नहीं है। यानी, जितने भी लगे, सभी अवैध हैं। जब परिषद की बैठक में यह स्वीकार किया कि शहर में सर्वे के मुताबिक करीब नब्बे होर्डिंग लगे हैं तो दो बैठकें होने के बावजूद ये होर्डिंग अब तक किसकी शह पर लगे हैं, और नगर पालिका प्रशासन की मुहिम को किसके कहने पर रोका गया? यह बड़ा सवाल है, जिसका उत्तर तो अधिकारियों के पास है, लेकिन वे खुलकर नाम नहीं ले रहे हैं।
जाहिर है, न करने वाला परिषद का ही कोई जिम्मेदार हो गया राजनीतिक रसूख वाला। यह तो स्पष्ट है कि, अवैध होर्डिंग शहर की सुंदरता को न सिर्फ खराब करते हैं, शहर की सुंदरता को बिगाड़ते हैं, बल्कि दुर्घटनाओं का भी कारण बनते हैं। साथ ही, इनसे नगर पालिका को राजस्व का नुकसान होता है, बावजूद इसके राजस्व के नुकसान की चिंता किये वगैर आखिर जिम्मेदार इस ओर से क्यों आंखें मूंदे हुए हैं? आखिर विपक्ष के आंदोलन और मुखर विरोध का भी असर नहीं होना बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।
यह है बड़ी चिंता
नगर पालिका ने शहर में होर्डिंग लगाने के लिए जगह तय नहीं की है, बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियों और संस्थानों के लोग डिवाइडरों के बीच लगे खंभों और चौराहों पर अवैध होर्डिंग लगाते हैं। इटारसी में तो जर्जर भवनों पर दुर्घटनाओं की चिंता किये वगैर होर्डिंग लगे हैं। राजनीतिक हस्ताक्षेप करने वाले लोगों ने नगरपालिका से अनुबंध किए बिना ही होर्डिंग लगवा दिये हैं, आखिर अपने स्वार्थ की खातिर क्यों शहर का नुकसान बेखौफ होकर किया जा रहा है?
दुर्घटना का कारण, ट्रैफिक प्रभावित
होर्डिंग से यातायात प्रभावित होता है क्योंकि होर्डिंग की वजह से वाहन चालकों का ध्यान भटकता है। अवैध होर्डिंग हटाने के लिए नगर पालिका कार्रवाई करती है और नगर पालिका की टीम शहर के मुख्य चौराहों और सड़कों पर लगे अवैध होर्डिंग हटाती है तो राजनीतिक हस्तक्षेप से मुहिम रोक दी जाती है। शहर में नगर पालिका के सर्वे के मुताबिक नब्बे होर्डिंग हैं, जबकि जमीनी हकीकत इसे परे है। जानकारी के मुताबिक नगर पालिका के सर्वे वाले बयान और परिषद की बैठक के बाद बाढ़ की तरह रातों रात नये होर्डिंग खड़े कर दिये गये हैं, उस पर हटाने की मुहिम रोकना और जनप्रतिनिधियों की खामोशी भी बहुत कुछ बयां कर रही है?
इनका कहना है…
- पिछले दिनों अवकाश वाले दिन पडऩे से होर्डिंग हटाने की मुहिम रुक गई थी, अब ये वर्किंग शुरु हुई है, इसमें फिर से होर्डिंग हटाने की मुहिम प्रारंभ की जाएगी।
रितु मेहरा, सीएमओ