नर्मदा के नीर में शिव की शक्ति समाहित : मधुसूदन
इटारसी। संसार की सभी पवित्र नदियों में नर्मदा ही एकमात्र ऐसी नदी है, जिसे पतित पावनी का दर्जा प्राप्त है और इसके जल में शिव की शक्ति समाहित है।उक्त उद्गार पुराण मनीषी आचार्य मधुसूदन शास्त्री (MADHUSUDAN SHASHTRI) ने संस्कार मंडपम सोनासांवरी में आयोजित श्री नर्मदा पुराण कथा महोत्सव (Shri Narmada Purana Katha) में व्यक्त किए। श्री नर्मदा पुराण कथा महोत्सव के छठवें दिन श्रोताओं के अपार समूह के समक्ष आचार्य मधुसूदन ने पतित पावनी मां नर्मदा के अनेक तीर्थ स्थलों का आध्यात्मिक वर्णन करते हुए कहा कि नर्मदा जी के प्रत्येक तट पर स्थापित शिवलिंग में भगवान आशुतोष निराकार स्वरूप में विराजित है अत: मां नर्मदा की पूजा आराधना के साथ ही इन पावन तटों पर शिव की पूजा से जीवन में सुख शांति प्राप्त होती है और मन अध्यात्म की ओर अग्रसर होता है। आचार्य श्री ने मां की भक्ति के मधुर भजन भी सु मधुर संगीत के साथ प्रस्तुत किए।
प्रारंभ में मुख्य यजमान दीनदयाल पटेल, मिश्री लाल पटेल, बलराम पटेल एवं संयोजक अनिरुद्ध पटेल ने पूजन कर आचार्य श्री का स्वागत किया। कार्यक्रम संचालक बीके पटेल ने बताया कि समापन दिवस पर श्री नर्मदा पुराण कथा उत्सव दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक चलेगा तदोपरांत महाआरती, आचार्य सम्मान एवं भंडारे के साथ कथा का समापन किया जाएगा।