10 वीं एवं 12 वीं का रिजल्ट 80 प्रतिशत से कम न हो सभी प्राचार्य इस पर विशेष फोकस करें

Post by: Rohit Nage

The result of 10th and 12th should not be less than 80 percent. All principals should pay special focus on this.
  • कलेक्टर ने बैठक में कहा, शिक्षा विभाग सुशासन ऑफ द मंथ लागू कराए
  • बोर्ड परीक्षा परिणाम में वृद्धि करने प्राचार्य रेमेडियल कक्षाओं का संचालन करें

नर्मदापुरम। कलेक्टर सोनिया मीना ने सभी हाई स्कूल एवं हायर सैकंड्री स्कूल के प्राचार्यों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके स्कूलों का कक्षा 10 वीं एवं कक्षा 12 वीं का रिजल्ट 80 प्रतिशत से कम न हो। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिन स्कूलों का छहमाही परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत से कम ह, जिला शिक्षा अधिकारी उन सब प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे।

कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिए कि यदि कोई प्राचार्य अपने स्कूलों में बोर्ड परिक्षा परिणाम में वृद्धि को ध्यान में रखकर विषयवार शिक्षक मांगते हैं, तो ऐसे शिक्षकों के प्रस्ताव प्राचार्य जिला शिक्षा अधिकारी को तीन कार्य दिवस में उपलब्ध कराएं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अवकाश के दिनों में भी बोर्ड परीक्षा परिणाम में वृद्धि हेतु सभी प्राचार्य रेमेडियल कक्षाओं का संचालन नियमित तौर पर करें। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कठिन विषयों एवं कठिन पाठ्य सामग्री के अध्ययन के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन भी किया जाए।

कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे शिक्षा विभाग में सुशासन ऑफ द मंथ लागू कराएं। साथ ही केन्द्रीय विद्यालयों द्वारा जिस तरह कार्य योजना प्रस्तुत कर कक्षाओं का संचालन किया जाता है, उसी तरह सभी प्राचार्य कार्य योजना बनाकर कक्षाओं का संचालन करें। कॉलेज चलो अभियान में भी गति लाई जाए। आईटीआई, पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं लीड कॉलेज में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जाए। डीपीसी नि:शुल्क गणवेश वितरण के विद्यार्थियों के फेल बैंक खातों को अपडेट कराएं तथा जैसे-जैसे साईकिलें आती जा रही हैं, वैसे-वैसे उनका विद्यार्थियों में वितरण सुनिश्चित कराया जाए।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाई जाना है। इसमें आ रही समस्याओं एवं विसंगतियों को संकुल प्राचार्य एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा पालकों के सहयोग से दूर कर प्राथमिकता से विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाई जाए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसी भी बच्चे को डीमालाईज न किया जाए। जिस स्कूल में विद्यार्थी अध्ययन करने नहीं आ रहे हैं उन स्कूलों की एवं विद्यार्थियों की सूची बीएलओ तैयार करें एवं बच्चों के घर-घर जाकर उन्हें स्कूल आने के लिए प्रेरित करें तथा विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता जिस स्तर की है उसे वहीं पर अध्यापन कार्य कराएं।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सैकंड्री स्कूल के प्राचार्य प्रतिमाह स्कूल में पीटीएम आयोजित कराएं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत, जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसेन, डीपीसी राजेश जायसवाल, लीड कॉलेज के प्राचाय, बीआरसी, बीईओ उपस्थित रहे।

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