संतों के प्रताप से साकार होगी श्री राम राज्य की परिकल्पना

इटारसी। भारत में रामराज्य की कल्पना लंबे समय से की जा रही है और अब इसके साकार होने का समय आ गया है, क्योंकि अवध में जिस तेजी से श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, उसी तेजी से पूरे भारतवर्ष में श्री राम राज्य का वातावरण भी निर्मित हो रहा है।

उक्त उद्गार संत श्री महावीर दास ब्रह्मचारी ने ग्राम सोनतलाई में व्यक्त किए। श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्री राम कथा प्रवचन समारोह के आठवें दिन उन्होंने कहा कि जब-जब संत महात्मा सत्ता के संचालन में अपनी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका निभाते हैं, तब-तब राष्ट्र में रामराज्य की परिकल्पना साकार होती है। बीते कुछ वर्षों से श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या सहित पूरे देश में संत महात्मा प्रत्यक्ष रूप से सत्ता का संचालन कर रहे हैं और उनके प्रताप से ही जहां श्री राम मंदिर के निर्माण कि सभी बाधाएं दूर हुईं, अब उसी प्रकार श्री राम राज की परिकल्पना के साकार होने में जो बाधाएं, संप्रदायवाद, जातिवाद और आतंकवाद के रूप में खड़ी है, वह भी दूर होंगी। इसकी शुरुआत एक राज्य से हो गई है जिसका असर पूरे देश में देखने को मिलेगा।

गाजीपुर के अखिलेश उपाध्याय, बुंदेलखंड की कंचन दुबे छतरपुर, के राघवेंद्र रामायणी एवं साध्वी सुनीता ने भी कहा कि श्री राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने में जनता को भी योगदान देना होगा। सोनतलाई में आयोजित इस कार्यक्रम का समापन 30 मार्च को पूर्णाहुति, महाआरती एवं भंडारे से होगा। कार्यक्रम संयोजक राजीव दीवान ने समस्त नर्मदांंचल वासियों से समापन आयोजन में भी शामिल होने का निवेदन किया है।

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AUTHORRohit

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